बौद्ध सम्मेलन पर बवाल : मैं गौरी-गणपति और हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवताओं को नहीं मानूंगा और ना ही उनकी कभी भी पूजा करूंगा... देखिए...देवी-देवताओं के खिलाफ शपथ का वीडियो...

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनादगांव जिले में बौद्ध समाज के सम्मेलन में हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ शपथ दिलाने का मामला सामने आया है। इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद इस पर हंगामा हो गया है। हिंदू संगठनों और बीजेपी के लोग भड़क गए हैं और कार्यक्रम में शपथ दिलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं।
हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ शपथ
मिली जानकारी के अनुसार 7 नवंबर को राजनादगांव में शिवनाथ नदी के तट पर मोहारा ऑक्सीजोन में राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन में बौद्ध भंतों ने मंच से लोगों को दिलाई कि ''मैं गौरी, गणपति और हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवताओं को नहीं मानूंगा और ना ही उनकी कभी भी पूजा करूंगा। मैं इस बात पर भी कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है।'' वीडियो में देखा जा सकता है कि वहां मौजूद सभी लोगों ने यह शपथ दोहराई। इसमें प्रदेशभर से बौद्ध धर्मावलंबी शामिल हुए थे। कार्यक्रम में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी शामिल हुए थे। भंवरमरा में आयोजित राज्य स्तरीय बौद्ध समाज के सम्मेलन में कांग्रेस के नेता विवादों में आ गए। इस सम्मेलन का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
महापौर बोली- मैंने नहीं ली शपथ
बताया जा रहा है कि इस बौद्ध सम्मेलन में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, नगर निगम महापौर हेमा देशमुख, राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक समेत कई जनप्रतिनिधि शामिल थे। हालांकि शपथ लेने के दौरान मंच पर कांग्रेस नेता ही खड़े थे। भाजपा के डॉ. रमन सिंह और मधुसूदन यादव यहां से निकल गए थे। विवाद बढ़ने पर महापौर हेमा देशमुख की सफाई भी सोशल मीडिया पर आ गई है। उन्होंने कहा कि वे वहां बतौर अतिथि जरूर मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने न तो हाथ उठाया और न ही शपथ ली।
देवी-देवताओं का अपमान
इस पूरे मामले पर राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने निशाना साधते हुए कहा कि राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष पद पर आसीन विवेक वासनिक को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में भगवान जगन्नाथ, राधा-कृष्ण समेत कई प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें पूरी संस्कारधानी पूजती है। ऐसे में ये शपथ दिलाकर यहां के सौहार्द्रपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई है। शांत सरोवर में पत्थर फेंकने और जहर घोलने वालों से लोगों को सावधान रहना होगा। सांसद श्री पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग सरल, सहज और भोलेभाले हैं, लेकिन यहां के ताने-बाने को तोड़ने की इजाजत किसी को नहीं है। सामाजिक और धार्मिक आधार पर जो नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है, वो माफी के लायक नहीं है। किसी को भी किसी के देवी-देवताओं को अपमानित करने की इजाजत नहीं है।
हिंदू संगठनों ने की FIR की मांग
वहीं विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, सर्व यादव समाज और छत्तीसगढ़ राजपूत महासभा ने बुधवार को SP और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर FIR दर्ज करने की मांग की है। हिन्दू संगठनों ने वीडियो में दिखाई दे रहे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। अखिल भारतीय राजपूत महासभा के संजय बहादुर सिंह का कहना है कि हिंदू-देवी देवताओं का अपमान नहीं सहा जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध खुद क्षत्रिय थे और उनका काम था बन्धुत्व फैलाना। बंधुत्व फैलाना छोड़कर हिंदू देवताओं के बारे में गलत बयान करना उनका धर्म भी नहीं सिखाता है। ऐसे लोगों के खिलाफ मैं कड़ी भर्त्सना करता हूं। देखिए वीडियो-
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