आरक्षण पर बवाल : संशोधन विधेयक पर बोले मुख्यमंत्री- राज्यपाल को अपनी बात पर कायम रहना चाहिए, अजा के बच्चों के लिए अलग प्रयास विद्यालय खुलेंगे

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर बवाल जारी है। विधानसभा से सर्वसम्मति से संशोधन विधेयक पारित कर राज्यपाल को भेजा गया है। लेकिन एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी राज्यपाल ने विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किया है। अब राज्यपाल आज दिल्ली दौरे पर जा रही हैं। राज्यपाल के दिल्ली दौरे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि, राज्यपाल को संशोधित आरक्षण विधेयक पर जल्द हस्ताक्षर करना चाहिए। उन्हें अपनी बात पर कायम रहना चाहिए। उल्लेखनीय है कि, राज्यपाल ने सरकार से कहा था कि सरकार विधेयक लाए मैं तत्काल उस पर हस्ताक्षर करूंगी।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के छत्तीसगढ़ महतारी का सेवक बताए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा- डॉ. रमन ने छत्तीसगढ़ महतारी की कभी सेवा नहीं की। छत्तीसगढ़ के लोगों को प्रताड़ित करते हैं, आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल में ठूंसते रहे। छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति निर्माण हम लोगों ने किया। उनके प्रभारी ने भी महतारी की मूर्ति का विरोध किया। छत्तीसगढ़ महतारी हमारी है।
बाबा गुरु घासीदास ने भाईचारा का संदेश दिया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- गुरु घासीदास बाबा ने समानता और भाईचारा का संदेश दिया। आज वैमनस्यता के दौर में बाबा के संदेश को आत्मसात करना है। प्रदेश के एकमात्र संत गुरु घासीदास ने छत्तीसगढ़ी में उपदेश दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ाने का काम किया। शिक्षा से समाज को सही दिशा मिलती है। छत्तीसगढ़ सरकार स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने लगातार काम कर रही है। लोगों की आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है।
अजा बच्चों के लिए अलग से प्रयास आवासीय विद्यालय की घोषणा
प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने पर मनाए गए गौरव दिवस पर मुख्यमंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने कहा-अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए पृथक से प्रयास आवासीय स्कूल खोला जाएगा। संभागीय मुख्यालय में पृथक हॉस्टल भी खोला जाएगा। पेंशनबाड़ा पोस्ट मेट्रिक हॉस्टल में 50 लाख की लागत से ई लाइब्रेरी बनाने की घोषणा भी की।
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