आरक्षण पर बवाल : मंत्री भगत को करना पड़ा युवाओं के विरोध का सामना, लखमा फिर बोले- आदिवासी हिंदू नहीं..करेंगे अलग धर्म कोड की मांग

रायपुर। आदिवासी आरक्षण की आग रायपुर से दिल्ली तक पहुंचने वाली है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने आदिवासी हिंदू नहीं है का दावा करते हुए कहा कि वे जल्द ही इस संबंध में दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रपति के दरबार में गुहार लगाएंगे। अलग धर्म कोड की मांग करते हुए उस पर मुहर लगवाने का प्रयास करेंगे। इधर आरक्षण के मामले पर मंत्री अमरजीत भगत को आक्रोश का सामना करना पड़ा है।
दरअसल रायपुर के शहीद स्मारक भवन में शनिवार को अनुसूचित जनजाति सम्मेलन का आयोजन किया गया था। यह आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का था और इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से आदिवासी समाज के लोगों को बुलाया गया था।
अमरजीत ने भाजपा व आदिवासी विधायकों को कोसा
मंत्री अमरजीत भगत इस आयोजन पर मंच से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि, आरक्षण को अगर किसी ने रोकने की कोशिश की है, तो वो भारतीय जनता पार्टी और उनके दलाल हैं। अमरजीत भगत ने कहा, पहले बीजेपी आरक्षण को लेकर सड़क में रैली निकालती थी। कांग्रेस भवन का, विधायकों के निवास का घेराव करती थी लेकिन जैसे ही विधानसभा में आरक्षण बिल पास हुआ, इनके मुंह में ताला क्यों लग गया? बीजेपी के एक भी नेताओं ने रैली क्यों नहीं निकाली। राज्यपाल से मिलने क्यों नहीं गए। आरक्षण को लेकर सामूहिक प्रयास किया जा रहा है। तब आरक्षण मुद्दे पर उनकी कुछ बातों को लेकर वहां मौजूद कुछ लोग नाराज हो गए। अमरजीत आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिलने पर लगातार बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते रहे। आदिवासी समाज के विधायकों को भी जमकर कोसा।
और फिर शुरू हुआ विरोध, होने लगी नारेबाजी
इस बीच मंत्री अमरजीत भगत के भाषण का विरोध शुरू हो गया। विरोध कर रहे लोगों ने आरक्षण वापस दो के नारे लगाए। इसके बाद हंगामा और बढ़ गया। सुरक्षा कर्मियों ने नारे लगा रहे लोगों को शांत करने का प्रयास भी किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। लोग लगातार नारेबाजी कर विरोध करते रहे। इधर अमरजीत भगत ने भी अपना भाषण जारी रखा। विरोध कर रहे लोगों के बीच से यह बात सामने आई कि हमारे 29 विधायकों में कोई भी आरक्षण के लिए कुछ नहीं कर पाया। आखिरकार अमरजीत अपना भाषण खत्म कर वहां से निकल गए।
अलग धर्म कोड को लेकर दिल्ली की तैयारी
रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आयोजित अनुसूचित जनजाति सम्मेलन में यह फैसला लिया गया है कि अलग धर्म कोड की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के आदिवासी दिल्ली जाएंगे। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि यहां के मूल निवासी आदिवासी हैं। जंगल और पहाड़ की रक्षा करने वाले आदिवासी हैं। आदिवासी हिन्दू नहीं है। जिस तरह से जैन धर्म को अलग कोड दिया गया है। उसी तरह आदिवासी भी अपने लिए अलग धर्म कोड की मांग कर रहे हैं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS