सिलगेर पदयात्रा की अनुमति को लेकर बवाल : पूर्व MLA कुंजाम ने कहा- संविधान की शपथ लेने वालों से इस तरह के आदेश की उम्मीद न थी

#के नक्सल प्रभावित बस्तर में सिलगेर से सुकमा तक की पदयात्रा की अनुमति को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और जिला प्रशासन में तनातनी शुरू हो गई है। यात्रा की अनुमति को लेकर प्रशासन की ओर से दी गई शर्तों को लेकर पूर्व विधायक व आदिवासी महासभा के अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने मंत्री से लेकर जिला प्रशासन पर जमकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि संविधान की शपथ लेने वालों से इस तरह के आदेश की उम्मीद न थी। 26 सितंबर को हाने वाली बहुचर्चित सिलगेर पदयात्रा को लेकर आदिवासी महासभा और जिला प्रशासन आमने-सामने हो गए हैं। आदिवासी महासभा के लिखित आवेदन पर बहुप्रतीक्षित सिलगेर से सुकमा तक की पदयात्रा को अनुमति अंततः प्रशासन की ओर से नहीं दी गई है। पदाधिकारियों ने कहा कि सुकमा में 26 सितम्बर की तय जनसभा को भी अनुमति मिलना सही नहीं है।
कलेक्टर की ओर से जारी आदेश एक मजाक है : कुंजाम
आदिवासी महासभा के संयोजक मनीष कुंजाम ने कहा कि सुकमा कलेक्टर की ओर से जारी आदेश एक मजाक है। इस अनुमति में संविधान और जनतंत्र का गला घोटा गया है। अब ये साबित हो गया है कि बस्तर में संविधान और कानून के हिसाब से शासन-प्रशासन नहीं चलत है। पूर्व विधायक श्री कुंजाम ने कहा कि कलेक्टर का आदेश प्रजातांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। संविधान की शपथ लेने वाले आईएएस और आईपीएस की ओर से इस तरह से पदयात्रा को लेकर आदेश जारी करना कही न कही से दबाव नजर आता है। सिलगेर की यात्रा से कही न कही मंत्री भी घबराए हुए हैं, उन्हें डर है कि सत्ता में रहते हुए जो वादा किया था वो पूरा नहीं किया तो वो कहीं आक्रोश में न बदल जाए। आज सुकमा जिले की जनता में भारी नाराजगी व्याप्त है। देखिए वीडियो-


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