पीएससी के 'मानसून ज्ञान' पर मचा बवाल, प्रारंभिक परीक्षा के चार उत्तर गलत

पीएससी के मानसून ज्ञान पर मचा बवाल, प्रारंभिक परीक्षा के चार उत्तर गलत
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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा 14 फरवरी को आयोजित प्रारंभिक परीक्षाओं के अंतिम उत्तर जारी कर दिए गए हैं। इन परिणामों के जारी होते ही बवाल मच गया है। पीएससी द्वारा जारी किए गए अंतिम उत्तर में से चार गलत हैं, जबकि मॉडल आंसर में इन सवालों के उत्तर सही दर्शाए गए थे।

रायपुर. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा 14 फरवरी को आयोजित प्रारंभिक परीक्षाओं के अंतिम उत्तर जारी कर दिए गए हैं। इन परिणामों के जारी होते ही बवाल मच गया है। पीएससी द्वारा जारी किए गए अंतिम उत्तर में से चार गलत हैं, जबकि मॉडल आंसर में इन सवालों के उत्तर सही दर्शाए गए थे।

चार सवालों के उत्तर गलत होने से कैंडिडेट्स को 12 अंकों का नुकसान होगा। 8 अंक इन चार सवालों के गलत होने के कारण कटेंगे तथा 4 अंकों का नुकसान माइनस मार्किंग के कारण होगा। जिन सवालों के जवाब पीएससी ने गलत बताए हैं, उनमें से दो प्रश्न मानसून से संबंधित हैं तथा पर्यावरण और संविधान के एक-एक सवाल हैं।

गौरतलब है कि 15 फरवरी को पीएससी ने प्रारंभिक परीक्षाओं के मॉडल उत्तर जारी किए थे। कैंडिडेट्स को 16 से 22 फरवरी तक का समय मॉडल आंसर पर दावा-आपत्ति करने के लिए दिया गया था। दावा-आपत्तियों के निराकरण पश्चात 14 मार्च को पीएससी ने अंतिम उत्तर जारी कर दिए हैं। साथ ही पीएससी ने कहा है कि नतीजे इन अंतिम परिणामों के आधार पर ही तैयार किए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ में किन हवाओं से वर्षा होती है? इसका सही उत्तर दक्षिण-पश्चिम हवा है, जबकि पीएससी ने अंतिम उत्तर में इसका सही जवाब दक्षिण-पूर्व हवा बताया है।

एक अन्य प्रश्न में चार विकल्प दिए गए थे। इनमें से किसी एक का चयन सही कथन के रूप में करना था। इसका सही उत्तर था कि छग में दक्षिण-पश्चिम हवाओं से वर्षा होती है। इसे भी गलत बता दिया गया।

कांगेर घाटी जीव मंडल संरक्षण क्षेत्र है अथवा नहीं? इसका सही जवाब नहीं है। जबकि पीएससी ने इसे भी सही बता दिया है। 1982 में कांगेर घाटी को जीव मंडल संरक्षण क्षेत्र घोषित किया गया था, लेकिन बाद में यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी।

संविधान के 44वें संशोधन द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार की सूची से बाहर उसे केवल एक विधिक अधिकार माना गया। पीएससी ने इसे भी गलत माना है।

मुख्य परीक्षाओं के बाद ज्ञापन

फिलहाल पीएससी की बीते सत्र की मुख्य परीक्षाएं चल रही हैं, जो कोरोना के कारण तय वक्त पर नहीं हो पाई थीं। 15 से 18 मार्च तक ये परीक्षाएं चलेंगी। परीक्षार्थियों का कहना है कि मुख्य परीक्षाएं समाप्त होने के बाद वे पीएससी से संपर्क उत्तर में सुधार करने की मांग करेंगे। इस संदर्भ में पीएससी के अधिकारियों से संपर्क करने की काेशिश की गई, लेकिन उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।

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