मिट्टी में दबने से ग्रामीण महिला की मौत, SECL प्रबंधन पर अनदेखी का आरोप

मिट्टी में दबने से ग्रामीण महिला की मौत, SECL प्रबंधन पर अनदेखी का आरोप
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एसईसीएल के अधिग्रहित बुड़बुड़ स्थित जमीन पर छुही निकालने के लिए गई थी महिला। पढ़िए पूरी खबर-

कोरबा/पाली। एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित जमीन से छुही खुदाई कार्य के दौरान मिट्टी धसकने से एक ग्रामीण महिला की मौत हो गई। आरोप है कि एसईसीएल कोरबा एरिया द्वारा प्रस्तावित सराईपाली परियोजना के तहत ओपन कास्ट कोल माइंस हेतु ग्राम बुड़बुड़ की जमीन अधिग्रहित तो की गई लेकिन अपने सीमा की उस जमीन पर किसी प्रकार का घेराव कार्य या सुरक्षा की दृष्टि को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।

तीज त्योहार के नजदीक आते ही ग्रामीण महिलाएं जमीन से निकलने वाले छुही पत्थर से अपने घर-आंगन की लिपाई-पोताई करती है। ऐसे ही चंद दिनों बाद आने वाले छत्तीसगढ़ी पर्व छेरछेरा को लेकर ग्राम बुड़बुड़ की 38 वर्षीय महिला सुसंतरा बाई पति रामकुमार यादव द्वारा भी रिश्ते में भतीजी लगने वाली ग्राम के ही 22 वर्षीय वृंदा बिंझवार को अपने साथ लेकर घर लिपाई के लिए सुबह लगभग 9 बजे एसईसीएल के अधिग्रहित बुड़बुड़ स्थित जमीन पर छुही निकालने के लिए गई थी, जहां खुदाई के दौरान एकाएक मिट्टी के धसकने से महिला उसमें दब गई। जिसकी सूचना साथ मे रही वृंदा द्वारा आसपास ग्रामीणों को दी गई, जहां ग्रामीण मौके पर पहुंचकर तथा आनन- फानन में मिट्टी हटाकर महिला को उसके परिजनों के माध्यम से पाली सीएचसी लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों द्वारा परीक्षण उपरांत मृत घोषित कर दिया गया गया। एसईसीएल ने कोल माइंस के लिए जमीन तो 2005 से अधिग्रहित कर लिया है, लेकिन अधिग्रहित जमीन पर किसी भी प्रकार का घेराव कार्य नहीं कराया जा सका है।

इसके अलावा सुरक्षा कर्मियों की तैनाती तो है लेकिन प्रबंधन की अनदेखी व सुस्त रवैये का फायदा उठाकर वे भी निष्क्रिय हो चले हैं। कोयला खनन के लक्ष्य पर ही एकमात्र अपना ध्यान केंद्रित करने वाले एसईसीएल अधिकारियों ने खदान से जुड़े अन्य कार्यों से अपनी आंखें मूंद ली है, जिसका खामियाजा आज एक ग्रामीण महिला को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

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