Satyagraha : आधी रात की मीटिंग में नहीं बनी बात आज स्वास्थ्य कर्मियों का जल सत्याग्रह

Satyagraha : आधी रात की मीटिंग में नहीं बनी बात आज स्वास्थ्य कर्मियों का जल सत्याग्रह
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स्वास्थ्य कर्मचारी विभागीय आदेश होने पर ही हड़ताल (strike) समाप्त करने की बात पर अड़े हुए हैं। हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले चल रही हड़ताल के दौरान शासन स्तर पर स्वास्थ्य कर्मचारियों की बर्खास्तगी और निलंबन की कार्रवाई की गई है, मगर इसका कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (Deputy Chief Minister TS Singhdev,)के साथ आधीरात हुई मीटिंग में भी स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों पर बात नहीं बन पाई है। शनिवार को धरनास्थल के समीप हड़ताली स्वास्थ्य कर्मी (health workers)जल सत्याग्रह (water satyagraha)करेंगे। बैठक में उनकी मांगों पर विभागीय स्तर पर प्रस्ताव तैयार होने की जानकारी दी जा रही है, मगर स्वास्थ्य कर्मचारी विभागीय आदेश होने पर ही हड़ताल (strike) समाप्त करने की बात पर अड़े हुए हैं। हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले चल रही हड़ताल के दौरान शासन स्तर पर स्वास्थ्य कर्मचारियों की बर्खास्तगी और निलंबन की कार्रवाई की गई है, मगर इसका कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं का कहना है कि शासन के एक्शन के बाद भी इमरजेंसी में सेवा देने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी अधिकृत रूप से फार्म भरकर हड़ताल पर आ रहे हैं। उनका कहना कि मांगों को पूरा करने के लिए लंबे समय से आश्वासन दिया जाता रहा है, इस बार विभागीय आदेश के बाद ही उनकी हड़ताल खत्म होगी। गुरुवार की रात उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के साथ देर रात हुई मीटिंग इसी बिंदुपर खत्म हो गई। हड़ताल का असर भले ही शहरी इलाकों में दिखाई नहीं पड़ रहा है, मगर ग्रामीण क्षेत्रों खासकर दूरवर्ती इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है। वहां के स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पताल में इमरजेंसी से लेकर सामान्य स्वास्थ्य व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। हेल्थ फेडरेशन की हड़ताल 21 अगस्त से चल रही है और 23 अगस्त से वे तूता स्थित धरनास्थल पर जमे हुए हैं। छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक डॉ इकबाल हुसैन एवं स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष टार्जन गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को हड़ताल पर बैठे कर्मचारी जल सत्याग्रह कर अपना विरोध प्रकट करेंगे।

पांच सूत्रीय है मांग

हेल्थ फेडरेशन के बैनरतले चल रहे आंदोलन में पांच सूत्रीय मांग शामिल है। इनमें सभी संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर करने की मांग प्रमुख है। इसके साथ कोविडकाल में जोखिम भत्ता का भुगतान घोषणा अनुरूप किए जाने । रिक्त पदों की भर्ती और हिंसात्मक घटनाओं पर संस्थागत एफआईआर जैसे मामले शामिल हैं।


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