देशभर में बाढ़ के नजारे... यहां खेतों में पड़ रहीं दरारें : मानसून क्यों रूठ गया छत्तीसगढ़ के इस जिले से... पढ़िए

देशभर में बाढ़ के नजारे... यहां खेतों में पड़ रहीं दरारें : मानसून क्यों रूठ गया छत्तीसगढ़ के इस जिले से... पढ़िए
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क्योंकि जिन दिनों में किसान अपने-अपने खेतों मे व्यस्त रहना चाहिए।उन दिनों में आग उगलती सूरज की किरणों ने किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीर खींच दी है। पढ़िए पूरी खबर ....

जितेंद्र सोनी-जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में मानसून की बेरूखी के कारण इन दिनों पत्थलगांव के किसान काफि चिंतित है। क्षेत्र मे बारिश नहीं होने के कारण जहां बुआई का काम बंद हो चुका है। वही अब कृषि विभाग भी किसानों को खेतों में जल्दी पकने वाले धान के बीज लगाने की सलाह दे रहे हैं। खेतों में पड़ी सुखी मिट्टी को देखकर यह कहा जा सकता है कि पत्थलगांव क्षेत्र सूखे की कगार पर है।


कृषि विभाग की समझ के परे

एक कहावत है कि, बरसात में लग गई आग की ये पंक्ति इन दिनों सही साबित हो रही है। क्योंकि जिन दिनों में किसान अपने-अपने खेतों मे व्यस्त रहना चाहिए।उन दिनों में आग उगलती सूरज की किरणों ने किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीर खींच दी है। बारिश नहीं होने के कारण खेतों का पानी पूरी तरह सुख चूका है और किसान सावन आ जाने के बाद भी बारिश की आस लगाये बैठे हैं. कर्ज पर बीज खरीद कर खेती करने वाले किसानों को अब सूखे का भय सताने लगा है।

खेतों में पड़ गया सूखा, परेशान हुए किसान

क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण कृषि विभाग का अमला भी परेशान नजर आ रहा है। पत्थलगांव में 10 प्रतिशत सिचाई रकबा होने की व्यवस्था ने कृषि विभाग की चिन्ता और बढ़ा दी है। वहीं क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण फसल बुआई का काम तो रुक गया है और ऐसे में अब अगर 1 हप्ते बारिश नहीं होती तो यह क्षेत्र भी सूखे की चपेट में आ जायेगा। पिछले वर्ष अब तक 25 प्रतिशत बुआई का काम किया जा चुका था मगर इस वर्ष यह आकड़ा 10 प्रतिशत को भी नहीं छू सका इसका कारण लगभग 15 दिन से बारिश का ना होना है अब बेचारे किसान यही आस लगाये बैठे हैं कि इंद्र देव प्रशन्न हो और बरसात की झडी लगा दे ताकी अब भी किसान देर से सही अनाज उत्पादित कर सके।

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