गांवों में मुनादी, फोन पर मैसेज, शाला खुलने के सप्ताहभर बाद प्रवेश के लिए पहुंच रहे छात्र

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शाला प्रवेश के लिए कोई दिशा-निर्देश अब तक जारी नहीं किए जा सके हैं। स्कूलों को मौखिक रूप से कह दिया गया है कि वे प्रवेश के लिए आने वाले छात्रों को लौटाएं नहीं। जो भी छात्र प्रवेश के लिए आ रहे हैं उन्हें समुचित जानकारी देकर प्रवेश प्रदान किया जा रहा है। हालांकि छात्रों को कब तक एडमिशन दिया जा सकेगा यह अब तक स्पष्ट नहीं किया गया है। सामान्यत: प्रवेश प्रक्रिया 16 जून से जुलाई अंत तक चलती है। बीते वर्ष कोरोना के कारण छात्राें को दिसंबर तक प्रवेश दिया गया था।
16 जून से स्कूल खुल चुके हैं। छात्रों के लिए शैक्षणिक संस्थान अब भी नहीं खोले गए हैं। केवल शिक्षक व स्कूल के अधिकारी-कर्मचारी ही स्कूल पहुंचकर नतीजे प्रवेश सहित अन्य कार्य कर रहे हैं। प्रारंभिक दिनों में कोई भी छात्र अथवा पालक प्रवेश के लिए स्कूल नहीं आया था। स्कूलों द्वारा शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में मुनादी करवाई गई। कई स्कूल फोन पर भी छात्रों काे इसकी जानकारी दे रहे हैं।
स्कूलों में चहल-पहल
स्कूलों द्वारा छात्रों तक जानकारी पहुंचाए जाने के बाद अब छात्र प्रवेश के लिए पहुंच रहे हैं। आवश्यक दस्तावेज, फीस सहित अन्य जानकारी नोटिस बोर्ड में चस्पा कर दी गई है। महीनों से बंद पड़े स्कूलों में थोड़ी चहल-पहल दिखने लगी है। कुछ सरकारी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं भी शुरू करने की तैयारी में है। बीते सत्र की तर्ज पर ही वे कक्षाएं लेंगे।
आरटीई-लॉटरी का भी इंतजार
कई पालक ऐसे हैं जिन्होंने आरटीई के तरह निजी स्कूलों में आवेदन करने के साथ ही सरकारी इंग्लिश माध्यम स्कूल के लिए भी फॉर्म भरा है। वे इनकी लॉटरी निकलने का इंतजार कर रहे हैं। सरकारी इंग्लिश माध्यम स्कूल में लॉटरी के कारण प्रवेश प्रारंभ नहीं हो पा रहा है। इसके उलट सरकारी हिंदी माध्यम विद्यालय में जो भी छात्र प्रवेश लेना चाहते हैं वे निर्धारित वक्त में शाला जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
गांवों में मुनादी, फोन पर मैसेज, शाला खुलने के सप्ताहभर बाद प्रवेश के लिए पहुंच रहे छात्र
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