School Sports : पहली बार शालेय खेलों का हिस्सा बना साइकिलिंग ट्रैक

School Sports : पहली बार शालेय खेलों का हिस्सा बना साइकिलिंग ट्रैक
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साइकिलिंग ट्रैक को पहली बार इसमें शामिल किया गया है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली स्पर्धाओं में प्रदेश के खिलाड़ी भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें और स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा मिले, इसलिए वर्तमान सत्र से इसकी प्रतियोगिताएं कराई गई हैं। पढ़िए पूरी खबर...
  • सिर्फ दो टीमें पहुंचीं हिस्सा लेने, विजेता छात्र राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे छग का प्रतिनिधित्व
  • वजह - ओलिंपिक में पिछड़ रहे इसलिए स्कूली स्तर पर तैयारी

रायपुर। राज्य शालेय खेलों (school sports )के इतिहास में पहली बार साइकिलिंग ट्रैक (cycling track)को जगह मिली है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के अंतर्गत हुई क्रीड़ा प्रतियोगिता (sports competition)में ये स्पर्धाएं हुई हैं। इसकी मेजबानी राजधानी रायपुर ने की है। अब तक स्कूली खेलों के अंतर्गत साइकिलिंग रोड को ही जगह मिलती रही है। साइकिलिंग ट्रैक को पहली बार इसमें शामिल किया गया है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली स्पर्धाओं में प्रदेश के खिलाड़ी भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें और स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा मिले, इसलिए वर्तमान सत्र से इसकी प्रतियोगिताएं कराई गई हैं।

स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की सूची में साइकिलिंग ट्रैक पहले से ही सूची में है, लेकिन राज्यस्तर पर यह प्रतियोगिता नहीं होती थी। इसके कारण नेशनल लेवल पर छग से कोई खिलाड़ी शामिल नहीं होता था। साइकिलिंग रोड और साइकिलिंग ट्रैक में तकनीकी अंतर होता है। साइकिलिंग रोड प्रतियोगिता सामान्य सड़क में होती है, लेकिन साइकिलिंग ट्रैक के लिए विशेष तरह की गोलाकार आकृति तैयार की जाती है। इसकी तकनीक तथा नियम अपेक्षाकृत अलग होते हैं।

स्कूली बच्चों को प्लेटफॉर्म

साइकिलिंग ट्रैक में छग के स्कूली छात्र भी आगे बढ़े, इसलिए इसे शामिल किया गया है। यह पहली बार है। अनिल मिश्रा, सहायक संचालक खेल, लोक शिक्षण संचालनालय

राजधानी में बनाया गया अस्थायी ट्रैक

साइकिलिंग ट्रैक के लिए विशेष तरह के रनिंग ट्रैक की आवश्यकता होती है। भिलाई में इससे संबंधित स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। यह पूर्ण नहीं हो सका है, इसलिए प्रतियोगिता यहां नहीं कराई जा सकी। इसके स्थान पर रायपुर में अस्थायी ट्रैक निर्माण किया गया। पहली बार हुई इस स्पर्धा में अंडर-14 और अंडर-17 दोनों में ही सिर्फ दो ही टीमें हिस्सा लेने पहुंचीं। अंडर-14 बालक और बालिका दोनों वर्ग में प्रथम स्थान पर दुर्ग तथा दूसरे स्थान पर बस्तर जिला रहा। अंडर-17 के बालक और बालिका वर्ग में प्रथम दुर्ग और द्वितीय बिलासपुर जिला रहा।

अभी भी 4 खेल सूची से बाहर

स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा शालेय खेल स्पर्धाओं के अंतर्गत 42 खेलों को शामिल किया गया है। इनमें से सिर्फ 38 खेलों में ही छग अपनी टीम भेजता है। जिन 4 खेलों की स्पर्धा छग में नहीं होती है, वे सभी मार्शल आर्ट्स हैं। इनमें कलारीपयपट्ट, पेंटासलान भी शामिल हैं, जबकि अन्य राज्य मार्शल आर्ट की इन विधाओं में भी अपने छात्र भेजते हैं।

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