जंगल सफारी में 8 महीने से रह रही मादा ऊदबिलाव के लिए जीवन साथी की तलाश हुई पूरी

जंगल सफारी में 8 महीने से रह रही मादा ऊदबिलाव के लिए जीवन साथी की तलाश हुई पूरी
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रायपुर: जंगल सफारी में पिछले आठ महीने से एकाकी जीवन जी रही मादा ऊदबिलाव के लिए जीवन साथी की तलाश पूरी कर ली गई है। दूसरे साथी को भी सूरत से लाया जाएगा।

रायपुर: जंगल सफारी में पिछले आठ महीने से एकाकी जीवन जी रही मादा ऊदबिलाव के लिए जीवन साथी की तलाश पूरी कर ली गई है। दूसरे साथी को भी सूरत से लाया जाएगा। पूर्व में सफारी की शोभा बढ़ा रहे मादा ऊदबिलाव को भी सूरत के जियोलॉजिकल पार्क से लाया गया है। दूसरा ऊदबिलाव आने के बाद भविष्य में दोनों के मेल से ऊदबिलाव की संख्या में बढ़ोतरी होगी। ऊदबिलाव के एवज में सफारी प्रबंधन दो जोड़ी चौसिंगा देगा।

सफारी प्रबंधन के मुताबिक सूरत से ऊदबिलाव लाने केंद्रीय चीड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति मिल गई है। कोरोना संक्रमण की वजह से एक ऊदबिलाव को लाया जा सका, जबकि दूसरे ऊदबिलाव को लाने में देर हो गई। इसे लाने के लिए सीजेडए से पुन: अनुमति ली गई। दूसरा उदबिलाव जनवरी के अंत या फरवरी के पहले सप्ताह तक आ सकता है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। उल्लेखनीय है कि ऊदबिलाव अर्धजलीय प्रजाति का वन्यजीव है। यह पानी के साथ थल पर रहता है।

साल में दो से तीन बच्चे जन्म देते हैं

ऊदबिलाव नदी, झील, बड़े तालाबों के साथ समुद्र में रहते हैं। यह मछली की तरह तैर सकते हैं। इनका मुख्य आहार वैसे तो मछली है, लेकिन यह कीड़े, मकौड़े तथा घोंघे से अपना पेट भर लेते हैं। साथ ही ऊदबिलाव साल में दो से तीन बच्चों को जन्म देते हैं। इससे उम्मीद है कि सफारी में नए मेहमान के आने के बाद आने वाले समय में इनकी संख्या तेजी से बढ़ सकती है।

सफारी में वन्यजीवों का कुनबा बढ़ रहा

जंगल सफारी में वन्यजीवों का कुनबा धीरे-धीरे कर तेजी से बढ़ रहा है। सफारी शेड्यूल-1 प्रजाति के वन्यजीवों से लेकर सभी प्रजाति के वन्यजीवों का रहवास केंद्र बन गया है। सफारी में जलीय के साथ स्तनधारी वन्यजीवों सहित सांपों का एक अलग संसार देखने को मिलता है।

चिकित्सकों की निगरानी में लाया जाएगा

सफारी प्रबंधन के मुताबिक ऊदबिलाव को वन्यजीव चिकित्सकों की निगरानी में सूरत से रायपुर लाया जाएगा। इसके साथ ही चौसिंघा को भी चिकित्सकों की निगरानी में स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद यहां से रवाना किया जाएगा। वन्यजीवों को लाते ले जाते समय हर तीन से चार घंटे में उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। साथ ही वन्यजीवों की लंबी यात्रा को देखते हुए उन्हें एक निश्चित मात्रा में आहार दिया जाएगा।

अनुमति मिल गई है

सूरत से ऊदबिलाव लाने सीजेडए से अनुमति मिल गई है। इसके बदले में उन्हें चौसिंघा दिया जाएगा। ऊदबिलाव को लाने इसी महीने टीम रवाना की जाएगी।

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