एसईसीएल कर्मी को औलाद के रूप में ट्रांसजेंडर मंजूर नहीं : औलाद के साथ मां को भी घर से निकाला, अब पुलिस की ली शरण

एसईसीएल कर्मी को औलाद के रूप में ट्रांसजेंडर मंजूर नहीं : औलाद के साथ मां को भी घर से निकाला, अब पुलिस की ली शरण
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एक एसईसीएल कर्मी को अपनी औलाद के रूप में ट्रांसजेंडर मंजूर नहीं है। उसने अपनी औलाद को ही मारपीट कर घर से निकाल दिया। इतना ही नहीं पढ़े लिखे सभ्य समाज का हिस्सा होने का दावा करने वाले उस एसईसीएल कर्मी ने ट्रांसजेंडर औलाद पैदा करने का ठीकरा फोड़मे हुए अपनी पत्नी को भी निकाल दिया। अब वह ट्रेन में भीख मांगकर अपना और अपनी मां का पेट भरने को मजबूर है। अब उसने पुलिस की शरण ली है, पढ़िए पूरी खबर..

पता के खिलाफ ट्रांसजेंडर एक्ट की धारा 18 के तहत जुर्म दर्ज

बिलासपुर। बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र में एक ट्रांसजेंडर ने अपने पिता पर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। शिकायत मिलने पर पुलिस ने इस मामले में उसके पिता के खिलाफ ट्रांसजेंडर एक्ट की धारा 18 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है। ट्रांसजेंडर की उम्र 26 साल है। उसका आरोप है कि ट्रांसजेंडर होने के कारण पिता उसे आए दिन उलाहना देते हैं। उसे घर से निकाल दिया है और इसके बाद भी मानसिक रूप से उसे परेशान किया जा रहा है। पुलिस ने पहले उसके पिता को उसके मौलिक अधिकारों की जानकारी दी लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ।

अपनी शिकायत में ट्रांसजेंडर ने जैसा लिखा

मैं ट्रांसजेंडर हूं। मेरे पिता एसईसीएल में नौकरी करते हैं। उन्होंने गाली-गलौज व मारपीट कर मुझे अपने घर से निकाल दिया था। पिता को मैंने बार-बार निवेदन कर समझाने की कोशिश की कि ट्रांसजेंडर लड़की होना बहुत सामान्य और प्राकृतिक है। यह कोई बीमारी या अपराध नहीं हैं पर इसके बाद भी पिता मुझे गालियां देते रहे। बाल खींचकर जब घर से निकाल रहे थे तो मां भी थी। उन्होंने बीच-बचाव करने की कोशिश की पर पिता ने मां को भी अपशब्द कहे। कहा- तेरे ही कारण ही वह ऐसी पैदा हुई है, तू एक ढंग का बच्चा भी पैदा नहीं कर सकी। मैं पूरी संपत्ति में चाहे आग लगा दूं या अपना घर तक बेच दूं पर ना तो तेरी इस औलाद को साथ नहीं रखूंगा और ना ही तुम्हें। मैंने पिता के खिलाफ पूर्व में भरण-पोषण का केस किया था जिसे उसने धोखे से वापस करवा लिया था। कोर्ट में कहा था कि वह मुझे अपने साथ घर में रखेगा और उसे बेटी की तरह ही पालेगा। लेकिन केस वापस होने के बाद रहने गई तो 10 बाद ही गाली-गलौज व मारपीट कर घर से निकाल दिया। अक्टूबर में पिता रिटायर होने वाले हैं। उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

शादी के लिए बनाया गया दबाव

अपनी शिकायत में ट्रांसजेंडर ने लिखा है, पिता ने मुझ पर शादी कर घर बसाने के लिए दबाव बनाना शुरू किया तब मैंने साफ-साफ कह दिया कि मैं किसी लड़की की जिंदगी तबाह नहीं करूंगी। मुझे मजबूरी में घर के लिए भटकना पड़ रहा है। ट्रांसजेंडर होने के कारण रोजगार मिलने में बहुत दिक्कतें होती है। इसके चलते मुझे ट्रेन में भीख मांगकर अपना व अपनी मां का पेट पालना पड़ रहा है। पिता का कहना है कि वे लड़के के लिए दूसरी शादी करेंगे। 4 सितंबर को मैं अपनी मां के साथ कोर्ट से घर लौट रही थी तो बसंत विहार के पास पिता से मुलाकात हुई तो मैंने उसे कोर्ट नहीं आने के बारे में पूछा तो वे मुझ पर भड़क गए।

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