बीजेपी के पूर्व विधायकों की सुरक्षा में की कटौती, राज्यपाल से मिले पूर्व MLA

रायपुर। आदिवासी क्षेत्र के पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से मिलकर बताया, उनकी सुरक्षा प्रदेश सरकार ने कम कर दी है। इसी के साथ राज्यपाल से भाजपा के पूर्व विधायकों ने कहा, भयादोहन कर कांग्रेस सरकार सत्ता हासिल करना चाहती है। राज्यपाल को इस आशय के सौंपे गए ज्ञापन में पूर्व विधायकों ने कहा, एक ओर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भाजपा के नेताओं, जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हो रही है, वहीं प्रदेश सरकार उनकी सुरक्षा कम करने का षड्यंत्र रच रही है।पूर्व भाजपा विधायकों के एक शिष्टमंडल ने शुक्रवार को राजधानी में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से भेंट कर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के पूर्व विधायकों की सुरक्षा की व्यवस्था यथावत बहाल करने की मांग की है। शिष्टमंडल में डॉ. सुभाऊ कश्यप, भोजराज नाग, लच्छू कश्यप, बैदू कश्यप, पिंकी शिवराज शाह और श्रवण मरकाम शामिल थे।
भाजपा के पूर्व विधायकों ने राज्यपाल को इस आशय का एक ज्ञापन भी सौंपा। भाजपा के पूर्व विधायकों के शिष्टमंडल ने बताया, छत्तीसगढ़ में कई जिले एवं विधानसभा क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्रों में आते हैं। प्रदेश का एक हिस्सा वामपंथ उग्रवाद से भी प्रभावित है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में आगामी महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे समय में प्रदेश की कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश के उन पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कमी करने का निर्णय लिया है, जो संवेदनशील क्षेत्र में या तो निवास करते हैं या इन क्षेत्रों में इनका प्रवास होता है।
सुरक्षा से खिलवाड़
राज्यपाल श्री हरिचंदन को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ की कांग्रेस सरकार ने 16 जून, 2023 को एक पत्र जारी करते हुए पूर्व विधायकों की सुरक्षा कम करने का निर्देश दिया है। सरकार ने इस निर्देश को लेकर 22 मई, 2023 को प्रोटेक्शन रीव्यू ग्रुप की बैठक के बाद की गई अनुशंसा को आधार बनाया है। पूर्व विधायकों ने यह आरोप लगाया है कि प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा से प्रदेश की कांग्रेस सरकार खिलवाड़ कर रही है।
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