कृषि, बीएड, फॉर्मेसी व इंजीनियरिंग की सेमेस्टर अवधि घटी, 6 की जगह 3-4 महीने में होगी परिक्षा

कृषि, बीएड, फॉर्मेसी व इंजीनियरिंग की सेमेस्टर अवधि घटी, 6 की जगह 3-4 महीने में होगी परिक्षा
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आरक्षण विवाद के कारण काउंसिलिंग प्रक्रिया में इस बार 3 से 4 महीने की देर हुई है। प्रवेश प्रक्रिया में विलंब होने के कारण शैक्षणिक सत्र में भी विश्वविद्यालय पिछड़ गए हैं।

रायपुर। आरक्षण विवाद के कारण काउंसिलिंग प्रक्रिया में इस बार 3 से 4 महीने की देर हुई है। प्रवेश प्रक्रिया में विलंब होने के कारण शैक्षणिक सत्र में भी विश्वविद्यालय पिछड़ गए हैं। अब इसे पटरी पर लाने सेमेस्टर की अवधि घटाने का फैसला कर लिया गया है। अर्थात 6 माह के सेमेस्टर के स्थान पर अब 3 से 4 माह का सेमेस्टर होगा। कृषि, बीएड, फॉर्मेसी और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए यह व्यवस्था लागू की जाएगी। अन्य परंपरागत पाठ्यक्रमों में प्रवेश जुलाई-अगस्त में ही पूर्ण हो चुके हैं, इसलिए वे शैक्षणिक कलैंडर के अनुरूप ही चल रहे हैं।

बीएड, कृषि, फाॅर्मेसी और इंजीनियरिंग की परीक्षाएं वार्षिक ना होकर सेमेस्टर आधार पर होती है। प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं दिसंबर-जनवरी में जबकि द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं मई-जून में होती हैं। चूंकि इस बार प्रवेश ही दिसंबर- जनवरी तक हुए हैं, इसलिए तुरंत ही परीक्षा ले पाना संभव नहीं है। जून तक दो सेमेस्टर की पढ़ाई और परीक्षा पूर्ण करना आवश्यक है, अन्यथा अगले सत्र में भी विद्यार्थी और विवि पिछड़ जाएंगे। इस कारण अब 6 की जगह तीन से चार माह का सेमेस्टर होगा। अर्थात पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं फरवरी-मार्च में तथा द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं तीन माह बाद जून में होंगी।

अतिरिक्त कक्षाएं, छुट्टियां रद्द

प्राइवेट बीएड कॉलेज एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया, चूंकि 6 माह का पाठ्यक्रम 3 महीने में पूर्ण किया जाना है, इसलिए अब अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। छुट्टियों के दिन व रविवार को छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ कर दी गई हैं। छात्रों को मिलने वाले ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी कटौती की तैयारी है। विभिन्न पाठ्यक्रमों में 40 से 50 फीसदी छात्रों के दाखिले आरक्षण विवाद के पहले सितंबर में हो चुके थे। इनकी कक्षाएं महाविद्यालयों ने शुरू कर दी थी। बाद में प्रवेश लेने वाले छात्र पढ़ाई में पिछड़ चुके हैं। इन छात्रों के लिए भी अतिरिक्त कक्षाएं लेकर उनका कोर्स पूरा करवाया जा रहा है।

रविवि ने लिखा खत

एमए, एमकॉम, एमएससी की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं पूर्ण हो चुकी हैं। बीएड की परीक्षाएं भी इनके साथ ही ली जानी थी, लेकिन दिसंबर तक प्रवेश ही नहीं हो सके, इसलिए रविवि ने समय-सारिणी ही घोषित नहीं की। अब पं. रविशंकर शुक्ल विवि ने ऑनलाइन डाटा एंट्री करने वाली झारखंड की कंपनी को खत लिखा है। इसमें 31 जनवरी तक विवि का पाेर्टल खुला रखने कहा गया है ताकी बीएड में प्रवेश लेने वाले छात्रों के नाम अपडेट किए जा सकें। नाम अपडेट होने तक परीक्षाएं नहीं होंगी। अर्थात रविवि बीएड के पर्चे फरवरी-मार्च में ही लेगा।

सीएसवीटीयू ने रोकी तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं

बारहवीं कक्षा के बाद पॉलीटेक्निक डिप्लाेमा पाठ्यक्रम में छात्र प्रवेश ले सकते हैं। जिन छात्रों के पास पॉलीटेक्निक में डिप्लोमा होता है, उन्हें इंजीनियिरिंग में सीधे तीसरे सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाता है। इसे लेटरल एंट्री कहते हैं। कोर्ट के फैसले के बाद एआईसीटीई ने जनवरी में पुन: लेटरल एंट्री देने का आदेश जारी किया है। स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि ने प्रथम सेमेस्टर के साथ ही तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं भी रोकी हैं, क्योंकि पॉलीटेक्निक छात्रों ने अभी दाखिला लिया है। जबकि तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं दिसंबर-जनवरी में हो जानी चाहिए थी। अब प्रवेश होने के बाद परीक्षा के संदर्भ में निर्णय होगा।

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