शबरी-गोदावरी उफनी : एनएच 30 पर वाहनों की लम्बी लाइन, बाढ़ का मंडराया खतरा- घरों से सामान खाली कर रहे ग्रामीण

शबरी-गोदावरी उफनी : एनएच 30 पर वाहनों की लम्बी लाइन, बाढ़ का मंडराया खतरा- घरों से सामान खाली कर रहे ग्रामीण
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राष्ट्रीय राजमार्ग में आधी रात से शबरी-गोदावरी नदी का पानी आ जाने से चट्टी के पास एनएच जाम हो गया है। तकरीबन आधे दर्जन यात्री बसें और दर्जनों माल वाहक वाहानों की कतारें कोंटा बार्डर पर लगी हुई है। वहीं बाढ़ का खतरा महसूस होने पर शबरी तट पर बसे कुछ ग्रामीण अपने मकानों से सामान भी खाली कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा बार्डर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 30 में आधी रात से शबरी-गोदावरी नदी का पानी आ जाने से चट्टी के पास एनएच जाम हो गया है। तकरीबन आधे दर्जन यात्री बसें और दर्जनों माल वाहक वाहानों की कतारें कोंटा बार्डर पर लगी हुई है। ज्ञात हो कि तेलंगाना-आंध्रप्रदेश के सीमा क्षेत्र के पास सोमवार से ही राज मार्ग पर बाढ़ का पानी आ गया था। इसके चलते लाइफ लाइन कहे जाने वाला यह मार्ग बाधित था। अब कोंटा बार्डर के पास एनएच जाम हो जाने से कोंटा छत्तीसगढ़ से आंध्रप्रदेश-तेलंगाना का सीधा संपर्क टूट गया है।

13 फीट तक पहुंचा पानी, घरों से सामान खाली कर रहे ग्रामीण

वहीं मंगलवार से कई यात्री कोंटा में फंसे हुए हैं। दूसरी ओर कोंटा के शबरी तटों पर बसे गाँवों के लिए भी प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। ज्ञात हो कि कोंटा बार्डर से लगे हुए शबरी तथा गोदावरी उफान पर होने की वजह से बैक वाटर से प्रति वर्ष यहाँ ऐसी स्थिति निर्मित होती है। बीते वर्ष भी कोंटा बार्डर के पास बाढ़ के पानी की वजह से दस दिनों तक राज मार्ग बाधित रहा। कोंटा के सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रथम खतरे के निशान 13 फीट पानी पहुंच गई है। इसके चलते कोंटा नगर के कुछ वार्डवासियों को बाढ़ का खतरा महसूस होने लगा है। वहीं विकास खंड मुख्यालय कोंटा से लगा ग्राम पंचायत ढोंढ़रा के शबरी तट पर बसे कुछ ग्रामीण अपने मकानों से सामान भी खाली कर रहे हैं।

बाढ़ प्रभावित लोगों के रहने और भोजन की व्यवस्था

कोंटा एसडीएम बनसिंह नेताम ने कहा है कि कोंटा तहसील अंतर्गत कुल 19 गाँव है, जो कि बाढ़ से प्रभावित होते हैं। सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित कोंटा और इंजरम ग्राम है और कोंटा के वार्ड क्रमांक 13, 14, 15, है। लगभग 140 की जनसंख्या है, जो बाढ़ से प्रभावित होते हैं। ऐसे लोगों के विस्थापन के लिए राहत सेंटर की व्यवस्था की गई है। कोंटा में चार सेंटर को चिन्हित किया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के रहने और भोजन की व्यवस्था तथा उनके सामानों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था है। देखिए वीडियो-




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