बिखर गए साहू परिवार के सपने : दोनो बच्चों को छीनकर जीवनभर का दर्द दे गया सड़क हादसा

बालोद। धनेली का साहू परिवार अपने दो बच्चों 8 साल की बड़ी कुमकुम और 6 साल के छोटे बेटे मानव साहू के साथ हंसी-खुशी जीवन गुजार रहा था। बच्चों को लेकर परिवार ने बड़े सपने देखे थे। उन्ही सपनों को पूरा करने के लिए गांव से दूर पढ़ने के लिए दोनो को रोज कांकेर भेजते थे। लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था। एक सड़क हादसे ने साहू परिवार की सारी खुशियां और सपने भी छीन लिए।
गुरूवार की सुबह दोनों भाई-बहन खुशी-खुशी स्कूल गए। रोज की तरह स्कूल की छुट्टी के बाद वे ऑटो में बैठकर अपने घर वापस जा रहे थे। बच्चे घर जाने के लिए बहुत ही उत्सुक थे, मगर उन्हें क्या पता था कि आज वो घर पहुंचेंगे ही नहीं। स्कूल से घर के रास्ते पर वे सड़क हादसे का शिकार हो गए। एक ट्रक बच्चों का काल बनकर आ गया और उनकी ऑटो को जोरदार टक्कर मार दी। इस भीषण टक्कर में ऑटो के परखच्चे उड़ गए और दोनों बच्चों के साथ ऑटो पर सवार 5 और बच्चों की जान चली गई।
सदमे में हैं परिजन
इस घटना से परिजनों को बड़ा झटका लगा है। बच्चों के शवों को उनके घर बालोद, गुरुर के धनेली गांव ले जाया गया। जहां घर में मातम छाया हुआ था। दोनों बच्चों की मौत से परिजनों की खुशियां, उम्मीद और सपने सब चूर-चूर हो गए। शवों के पास बैठी माँ और पिता महेश्वर साहू का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजन उन्हें संभालने की कोशिश करते रहे।

सांत्वना देने पहुंचीं विधायक
शुक्रवार की सुबह संजारी-बालोद की विधायक संगीता सिन्हा भी पीड़ित परिजनों के दुख में शामिल हुईं। वह बच्चों के शव के पास बैठी और बच्चों के परिजनों को सांत्वना दी। अपना दुःख जताते हुए उन्होंने परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजनों ने एक साथ दोनों बच्चों को दफना दिया और उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूरा गांव शोकाकुल हो गया है।
लिखा भावुक पोस्ट- परिवार को असहनीय पीड़ा दे गया हादसा
वहां से लौटकर विधायक संगीता सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया पर भावुक कर देने वाली बात लिखी। उन्होंने लिखा "बच्चे परिवार की जान होते हैं। उनकी खिलखिलाती हंसी अगर किसी दुर्घटना की भेंट चढ़ जाए, तो माता-पिता और परिवार को असहनीय पीड़ा होती है और यह पीड़ा उम्र भर दिलों में घर कर जाती है।"
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