CG Election : ये पब्लिक है.. सब कुछ जानती है... पर अभी बोल नहीं तौल रही है

CG Election : ये पब्लिक है.. सब कुछ जानती है... पर अभी बोल नहीं तौल रही है
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दोनों ही दलों ने इस बार किसानों, गरीबो, युवाओं व महिलाओं को साधने बड़ा दांव खेला है। इनकी घोषणाओं को लेकर जनता-जनार्दन की क्या राय है जानने के लिए हमने जब कुछ गांवों के चौक-चौराहों पर अखबार पढ़ते चर्चा करते ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि, दोनों की ही घोषणाएं लगभग बराबर है। पढ़िए पूरी खबर.....

यशवंत गंजीर-कुरूद। प्रदेश में हो रहे आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों की टिकट तय होने व उनके मैदान मे उतरने के बाद कांग्रेस-भाजपा सहित अन्य दलों के पक्ष में माहौल जानने की पखवाड़े भर पहले हुई बातचीत की कोशिशो में अब तक मतदाता व आमजन चुप्पी साधे हुए थे लेकिन जैसे ही भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों के द्वारा चुनावी घोषणाओं का पिटारा खुला तो तब अब क्षेत्र की जनता ने अपना मुंह खोला है।


कुरुद विधानसभा में जन सम्पर्क कर रहे प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता अपनी-अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ चुनावी घोषणाओ पर अपनी-अपनी गारंटी दे रहे हैं। दोनों ही दलों ने इस बार किसानों, गरीबो, युवाओं व महिलाओं को साधने बड़ा दांव खेला है। इनकी घोषणाओं को लेकर जनता-जनार्दन की क्या राय है जानने के लिए हमने जब कुछ गांवों के चौक-चौराहों पर अखबार पढ़ते चर्चा करते ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि, दोनों की ही घोषणाएं लगभग बराबर है। किसी ने कहा कांग्रेस तो किसी ने भाजपा को ज्यादा दे रही बताया तो एक पढ़े लिखे नौजवान ने दोनों दलों के घोषणाओं का पोस्टमार्टम कर एक-एक रुपये का गणित समझाया।

घोषणाओं से ज्यादा स्थानीय मुद्दे होते हैं खास

जोरातराई में स्नातक की पढ़ाई कर चुके और अब पान ठेला चला रहे युवक ने बताया कि, कांग्रेस और भाजपा दोनों की घोषणा हवा-हवाई में है जमीन पर नही दिखती है। वहीं एक किसान ने कहा कि, जो किसानों को ज्यादा लाभ पहुंचायेगा उसी का पलड़ा भारी रहेगा। एक निजी स्कूल से अध्यापन कार्य कर लौट रही महिला ने बताया कि, दोनों ही सरकार ने हमसे हर बार वादा कर धोखा दिया है लेकिन इस बार उनकी गारंटी हमारी उंगलियों में रहेगी। ग्राम चोरभट्ठी में धान मिंजाई कर लौट रहे एक अधेड़ से पूछा तो उन्होंने बताया कि, कुरूद विधानसभा में घोषणाओं का कोई खास असर नही होता है यहां स्थानीय मुद्दों को देखकर लोग वोट करते है।

महिलाएं किस पर करेंगी भरोसा

उल्लेखनीय है कि, यहां पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर छठवीं बार भाजपा से चुनाव मैदान में है तो वहीं इस बार कांग्रेस ने जिला पंचायत सभापति तारणी चंद्राकर को मैदान में उतारा है। दोनों दलों ने किसानों के बाद महिलाओं को साधने के प्रयास किया है। रामपुर, हंचलपुर में चुनाव प्रचार में निकले कांग्रेस के महिला कार्यकर्ताओ ने खेत जा रही महिलाओं से कहा कि, हमारी प्रत्याशी महिला है और हमारी सरकार स्व सहायता समूहों की कर्ज माफी और जनता फ्री बिजली देगी। कोर्रा पहुंचने पर चुनाव में लगी भाजपा महिला मोर्चा के सदस्यों ने मोदी की गारंटी बताते हुए विवाहित महिला को 12 हजार रुपये सालाना सहित 9 बिंदुओं पर महिला हित के वादे बताये। अब सवाल यह है कि महिलाएं किस पार्टी के वायदे पर भरोसा करें।

बदलाव की संभावना को जनमत ने नकारा

शाम को चाय पर चर्चा के दौरान दिल्ली से एक्जिट पोल के सर्वे कार्य मे लगे एक एजेंट ने बताया कि, घोषणाओं से पहले बदलाव की बाते अधिकांश रूप से हो रही थी लेकिन भाजपा-कांग्रेस की घोषणा पत्र आने के बाद अब केवल चर्चा लोगो मे अपने व्यक्तिगत फायदों को देखते हुए हो रही है। महिलाओं में शराबबंदी विषय पर दोनों ही दलों कांग्रेस-भाजपा के प्रति नाराजगी है दिखती है जिससे दोनों ही दलों ने किनारा कर लिया है। जो शहरी मतदाताओं को ज्यादा चुभ रही है। जिसको देखकर बदलाव की स्थिति को जनमत ने नकार दिया है। अब यह पूरे प्रदेश के लिए है या सिर्फ कुरुद विधानसभा को लेकर जनमत है। मतदान व परिणाम ही बतायेगा।

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