Shiva Bhakti : 120 फीट शिवलिंग का क्रेन के सहारे होगा अभिषेक, उज्जैन के 11 पंडित करेंगे मंत्रोच्चार

संतोष दुबे - राजनांदगांव। सावन माह में शिव भक्ति (Shiva Bhakti )का माहौल है। संस्कारधानी में भगवान शिव का महाभिषेक एक लाख लीटर पानी और दूध से होगा। 17 अगस्त को महाभिषेक होगा। 120 फीट ऊंची प्रसिद्ध मंदिर मां पाताल भैरवी मंदिर ( Famous Temple Maa Patal Bhairavi Temple )में मंत्रोच्चार के बीच महाभिषेक होगा। इसमें विशाल लोटे को क्रेन के माध्यम से मंदिर के ऊपर ले जाकर यह आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर शहर के शिव भक्तों द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर अंतिम रूप दिया जा चुका है। इस संबंध में आयोजन समिति के तथागत पांडेय ने हरिभूमि से चर्चा के दौरान बताया कि बर्फानी सेवाश्रम समिति के भव्य मां पाताल भैरवी मंदिर में यह आयोजन किया जाना है। जिसकी व्यापक तैयारियां की गई है।
टैंकरों से पहुंचेगा 1 लाख लीटर पानी
कार्यक्रम के लिए लगभग एक हजार लीटर दूध एवं एक लाख लीटर पानी की व्यवस्था टैंकरों के माध्यम से की जाएगी। शिव भक्तों से आयोजन समिति द्वारा यह भी आह्वान किया गया है कि वे चाहे तो अपनी ओर से भी दूध भेंटकर सकते हैं। पानी शिवनाथ नदी से टैंकरों के माध्यम से पहुंचेगी। जिसकी तैयारी कर ली गई है। भगवान शिव को अर्पित जल एवं दूध को एकत्र कर शिवनाथ नदी में विसर्जित किया जाएगा।
ड्रोन से होगी पुष्प वर्षा
श्री पांडेय ने बताया कि, भक्तिमय माहौल में 11 पंडितों द्वारा निरंतर मंत्रोच्चारण किया जाएगा। ड्रोन (drone )की मदद से मंदिर (temple) के ऊपर से कनेर, धतुरा, बेलपत्ती की भगवान भोलेनाथ पर वर्षा की जाएगी। इस पूरे आयोजन को लेकर आयोजन समिति को मंदिर समिति ने सहमति भी प्रदान कर दी है।
मुंबई से पहुंची क्रेन के सहारे होगा रूद्राभिषेक
ज्ञात हो कि अंचल सहित देशभर में पहचान बना चुकी मंदिर की ऊंचाई लगभग 120 फीट है, जो विशाल शिवलिंग के रूप में है। मंदिर की गोलाई लगभग 116 फीट है। मंदिर के गर्भगृह में काली स्वरूपनी मां पाताल भैरवी की प्रतिमा है। प्रथम तल में राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दस महाविद्या एवं द्वितीय तल में ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ की स्थापना की गई है। इस विशाल मंदिर में 17 अगस्त को दोपहर ऐतिहासिक रूप से भगवान शिव का अभिषेक किया जाएगा। इस अनूठी आयोजन के लिए विशाल लोटा बनाया गया है, जिसे 500 फीट ऊंची क्रेन जो मुंबई से आ रही है, इस क्रेन के माध्यम से मंदिर के ऊपर ले जाया जाएगा और प्रतिकात्मक रूद्राभिषेक किया जाएगा।
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