देश में 21 लाख यूनिट रक्त की कमी, राज्यों के बेहतर समन्वय से दूर हो सकती है समस्या

देश में 21 लाख यूनिट रक्त की कमी, राज्यों के बेहतर समन्वय से दूर हो सकती है समस्या
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देश में 1.25 करोड़ यूनिट रक्त की उपलब्धता है और आवश्यकता 1.46 करोड़ यूनिट की है, यानी 21 लाख यूनिट की कमी है, जिसे राज्यों के बीच बेहतर समन्वय से दूर किया जा सकता है।

रायपुर। देश में 1.25 करोड़ यूनिट रक्त की उपलब्धता है और आवश्यकता 1.46 करोड़ यूनिट की है, यानी 21 लाख यूनिट की कमी है, जिसे राज्यों के बीच बेहतर समन्वय से दूर किया जा सकता है। देश में ब्लड ट्रांसफ्यूजन की चुनौतियों पर विचार और भविष्य की रूपरेखा तय करने एम्स में मध्य, उत्तर भारत और पश्चिम बंगाल सहित 17 राज्यों की दो दिवसीय समीक्षा बैठक चल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल ऑफ हैल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) की नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल के तत्वावधान में मध्य और उत्तर भारत के साथ पश्चिम बंगाल में रक्तदान की स्थिति, इसके समक्ष चुनौतियां और भविष्य की रणनीति तय करने के लिए समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है।

इस दौरान प्रमुख रूप से ब्लड बैंक में काउंसिलर्स की संख्या बढ़ाने, रक्त की उपलब्धता की ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध कराने और मेट्रो ब्लड बैंक पर तेजी से कार्य करने पर बल दिया गया। डीजीएचएस प्रो. अतुल गोयल ने इस प्रकार की बैठक को एक-दूसरे के साथ अनुभव साझा करने के लिए आवश्यक बताया। एम्स निदेशक प्रो. नितिन एम. नागरकर ने कहा कि विभिन्न राज्यों के ब्लड ट्रांसफ्यूजन से जुड़े अधिकारी एक-दूसरे के अनुभवों को जिलास्तर तक पहुंचाकर इस प्रक्रिया को और अधिक सरल बना सकते हैं। डॉ. अनिल कुमार, एडिशनल डायरेक्टर जनरल ने बताया कि फिलहाल देश में 3900 ब्लड सेंटर्स हैं। इसमें उपलब्ध रक्त की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है साथ ही गुणवत्ता के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में मेट्रो ब्लड बैंक पर कार्य शुरू हो गया है। उन्होंने रक्तदान के लिए निरंतर कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया।

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