दिखावे का 'जल जीवन मिशन' : यहां पानी के लिए डेढ़ किमी दूर पहाड़ पर जाते हैं बैगा आदिवासी, स्वास्थ्य सेवा और बिजली का भी अता-पता नहीं

सूर्यप्रकाश चन्द्रवंशी/कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के पंडरिया ब्लाक अन्तर्गत सुदूर वनांचल गांव कांदावानी है, जो मध्यप्रदेश से लगा हुआ है। यह पूरा क्षेत्र पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहाँ तक पहुंच पाना भी आसान नहीं है। इसी का आश्रित गाँव बाहपानी है, जहां के फल्लीनटोला के हालात देखें तो यहाँ की स्थिति समझा जा सकता है। इस पूरे क्षेत्र में आज भी पानी के लिए लोगों को जूझना पड़ रहा है। जल जीवन मिशन दिखावे मात्र के लिए है। पानी के लिए लोगों को आज भी बस्ती से डेढ़ किमी दूर पहाड़ से नीचे झिरिया का सहारा है। देखिए वीडियो-
आग के सहारे रात काटते हैं ग्रामीण
अगर किसी घर में खुशी का काम हो या दुख का, पानी के लिए डेढ़ किमी पहाड़ में जाना ही पड़ता है। अगर यहाँ से गिर जाए तो बचना मुश्किल रहता है। ऐसे हालात में अनुमान लगया जा सकता है कि शासन-प्रशासन का दावा कितना सही है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ पानी की ही किल्लत हो, यहाँ तो स्वास्थ्य और बिजली का भी अता-पता नहीं है। ग्रामीण आज भी आग के सहारे रात काटते हैं। आग न रहे तो अंधेरा हर घर में छाया रहता है। गांव में बिजली के पोल जरूर लगे हैं पर कभी जलती नहीं है। गाँव में अगर कोई बीमार हो जाए तो किराए की गाड़ी से इन्हें 20 किमी दूर कुकदूर ले जाना पड़ता है। हालात ऐसे हैं कि यहाँ मोबाइल टावर भी किसी-किसी जगह रहता है। ऐसे में समय और एम्बुलेंस पहुंच जाए गनीमत रहती है। ऐसे हालात में हर कोई जीवन काट ले, ये सिर्फ बैगा आदिवासी ही कर कर सकते हैं। देखिए वीडियो-
पानी, बिजली और स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध करने का दावा
अब ऐसे प्राकृतिक विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से कई काम करने का दावा किया जाता रहा है। जिला प्रशासन का भी कहना है कि जिले में ऐसे अनेक स्थान है, जहाँ यही हालात है। ऐसे में इन क्षेत्रों में पानी, बिजली और स्वास्थ्य व्यवस्था करने के लिए लगातार काम करने का दावा कर रहे हैं। साथ ही ऐसे स्थानों को फिर से चिन्हांकन कर मूलभूत सुविधाओं पर काम करने का दावा कर रहे हैं। देखिए वीडियो-
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