हड़ताल के साइड इफेक्ट : चरमराई शिक्षा व्यवस्था, स्कूलों में पूर्ण तालाबंदी के हालात, कर्मचारियों ने सिर मुंडवाए, ठुमके लगाकर जताया विरोध

हड़ताल के साइड इफेक्ट : चरमराई शिक्षा व्यवस्था, स्कूलों में पूर्ण तालाबंदी के हालात, कर्मचारियों ने सिर मुंडवाए, ठुमके लगाकर जताया विरोध
X
हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। वर्तमान में सरकारी स्कूलों में पूर्ण तालाबंदी जैसी स्थिति है। स्कूलों में ताला खोलने वाला तक कोई कर्मचारी मौजूद नहीं है। बच्चे स्कूल पहुंच तो रहे हैं, लेकिन बिना पढ़े घर वापस लौट रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...

उमेश यादव/कोरबा। छत्तीसगढ़ में 25 जुलाई से सरकारी कर्मचारी पांच दिवसीय हड़ताल पर हैं। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह डीए और एचआरए की मांग को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। इस हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। वर्तमान में सरकारी स्कूलों में पूर्ण तालाबंदी जैसी स्थिति है। स्कूलों में ताला खोलने वाला तक कोई कर्मचारी मौजूद नहीं है। बच्चे स्कूल पहुंच तो रहे हैं, लेकिन बिना पढ़े घर वापस लौट रहे हैं। कुछ बच्चे स्कूल परिसर में ही यहां-वहां टहल कर किसी तरह समय गुजार रहे हैं। कोरोना काल के बाद शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हुई थी, जिसकी भरपाई का प्रयास किया जा रहा था। लेकिन हड़ताल से एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है।

3,000 से अधिक शिक्षक हड़ताल पर

कोरबा जिले में भी सरकारी कर्मचारी सहित सभी शिक्षक हड़ताल पर हैं। इनकी संख्या 3,000 से अधिक है। शहर के एनसीडीसी स्कूल में कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला। एनसीडीसी स्कूल पहुंचने पर पता चला कि स्कूल का ताला ही नहीं खुला है। कुछ बच्चे यहां-वहां घूमते हुए दिखाई दिए, जो घर वापस लौटने की तैयारी में थे। बच्चों ने बताया कि स्कूल पहुंचकर उन्हें रसोईया से पता चला है कि कोई स्कूल नहीं आएगा। 5 दिनों की हड़ताल है। एक बच्चे ने यह भी बताया कि उन्हें शिक्षकों ने पहले ही कह दिया था कि यदि स्कूल आना है तो अपने रिस्क पर आ जाएं। शनिवार तक कक्षाएं नहीं लगेंगी।

स्कूलों में शत-प्रतिशत तालाबंदी जैसी स्थिति

यह तस्वीर केवल एक स्कूल की नहीं है बल्कि कोरबा जिले के साथ ही राज्य भर के स्कूलों में ऐसी ही स्थिति है। जहां हड़ताल वाली अवधि में पांच दिनों तक पूरी तरह से शैक्षणिक गतिविधियां बंद रहेंगी। जिले के पांचों विकासखंड में स्कूलों की यही स्थिति है। खासतौर पर कोरबा विकासखंड, जिसमें ज्यादातर इलाके शहरी हैं। यहां के स्कूलों में शत-प्रतिशत तालाबंदी जैसी स्थिति है। स्कूल के साथ ही कोरबा कलेक्ट्रेट स्थित मुख्यालय का जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी नहीं खुल रहा है, जिससे पूरे शिक्षा विभाग में तालाबंदी जैसी स्थिति बन चुकी है। देखिए वीडियो-

शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ठप

जिले में प्राइमरी स्कूल की संख्या 1,200, मिडिल 545 जबकि लगभग 180 हायर सेकेंडरी और हाई स्कूल संचालित हैं। यहां हजारों बच्चे पढ़ने आते हैं। अब इन सभी स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां 5 दिन तक पूरी तरह ठप रहेंगी। शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों में ज्यादातर बच्चे निचले तबके से आते हैं, जिनके अभिभावक मजदूरी का काम करते हैं। देखिए वीडियो-

मध्यान्ह भोजन से भी बच्चे हो जाएंगे वंचित

सरकारी स्कूलों में अध्ययन करने वाले ज्यादातर बच्चों के माता-पिता मजदूर वर्ग से आते हैं। वे सुबह होते ही मजदूरी पर निकल जाते हैं और बच्चों को स्कूल भेज देते हैं। स्कूल में बच्चों को एक समय का खाना भी मिलता है। अब कई बच्चे ऐसे भी मिले हैं, जिनके माता-पिता सुबह मजदूरी पर चले गए और उन्हें पूरा समय स्कूल में ही काटना होता है। एक समय का खाना भी उन्हें मध्यान्ह भोजन के माध्यम से स्कूल में मिलता है। ऐसे बच्चे मध्यान्ह भोजन से भी वंचित हो रहे हैं। देखिए वीडियो-

कर्मचारियों ने सिर मुंडवा कर लगाए ठुमके

वहीं केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह डीए और एचआरए की मांग को लेकर प्रदेश में 25 जुलाई से शुरू हुए सरकारी कर्मचारियों के पांच दिवसीय हड़ताल के कारण सभी सरकारी विभागों का कामकाज प्रभावित है। छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की ओर से आर पार की लड़ाई की जा रही है। कोरबा में आईटीआई चौक पर धरना देकर प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। हड़ताल के तीसरे दिन प्रदर्शनकारियों ने अनोखे अंदाज में विरोध जताया। कर्मचारियों ने मंच पर ढोल बजाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया। इस दौरान महिलाएं झूमती नजर आई। इसके अलावा 20 से अधिक कर्मचारियों ने अपना सिर भी मुंडवाया है। देखिए वीडियो-

उग्र आंदोलन की चेतावनी

इस आंदोलन में जिले के तमाम विभागों के करीब 25 से 30 हजार अधिकारी-कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। इससे सरकारी कामकाज पूरी तरह प्रभावित है। डीए और एचआरए में समानता की मांग को लेकर कर्मचारी इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि अगर 5 दिनों के भीतर सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करेगी तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।

क्या बैकफुट पर आएगी सरकार

पूरे प्रदेश में अधिकारी-कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। कोरबा जिले में भी पांचों ब्लॉक में धरना देकर कर्मचारी अपनी मांगों को मनवाने जुटे हुए हैं। आंदोलन के तीसरे दिन कर्मचारियों ने अलग अंदाज में प्रदर्शन किया। उन्हें उम्मीद है कि इस बार सरकार जरूर बैकफुट पर आएगी। देखिए वीडियो-


Tags

Next Story