हड़ताल के साइड इफेक्ट : वैक्सीनेशन अभियान पर लगा ब्रेक...140 बूथों में कर ली गई थी तैयरियां, लेकिन न तो कर्मचारी मिल रहे, न डॉक्टर...

हड़ताल के साइड इफेक्ट : वैक्सीनेशन अभियान पर लगा ब्रेक...140 बूथों में कर ली गई थी तैयरियां, लेकिन न तो कर्मचारी मिल रहे, न डॉक्टर...
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अभियान का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया था। अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों को बूस्टर डोज लगाना था। कोरोना मामलों को तेजी से बढ़ते देखा अभियान की शुरूआत की गई थी। सभी स्वास्थ्य कर्मियों के सामूहिक हड़ताल में जाने से स्वास्थ्य सेवा बंद पड़ी हुई है। पढ़िए पूरी खबर-

भिलाई। प्रदेशभर में चल रहे सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल का असर अब स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है। दरअसल, दुर्ग-भिलाई में 30 जुलाई से 1 अगस्त चलाया जाने वाला कोविड वैक्सीनेशन अभियान ठप हो गया। सभी संविदा डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। इससे अभियान पूरी तरह से ठप हो गया।

सामूहिक हड़ताल से अभियान हुआ रद्द

अभियान का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया था। अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों को बूस्टर डोज लगाना था। कोरोना मामलों को तेजी से बढ़ते देखा अभियान की शुरूआत की गई थी। सभी स्वास्थ्य कर्मियों के सामूहिक हड़ताल में जाने से स्वास्थ्य सेवा बंद पड़ी हुई है। अगर इसी तरह ये हड़ताल चलती रही तो, कोई भी बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।

अभियान को किया गया पोस्टपोन

हड़ताल को देखते हुए अभियान को आगे के लिए पोस्टपोन कर दिया गया है। टीकाकरण में लगी टीम को शुक्रवार को ही मोबाइल के माध्यम से मैसेज दे दिया गया था, कि टीकाकरण अभियान कैंसिल कर दिया गया है। जल्द ही अभियान की नई तारीख तय की जाएगी।

140 बूथों में हो गई थी तैयारी

भिलाई, रिसाली और जामुल के 140 बूथों में शनिवार से कोविड वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया जाना था। जिले की कमान खुद सीएमएचओ डॉ. जेपी मेश्राम को संभालनी थी तो वहीं ब्लॉक स्तर पर इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित बीएमओ को दी गई थी। कर्मचारियों की सामूहिक हड़ताल ने इसे शुरू ही नहीं होने दिया। इसके लिए 70 अलग-अलग टीमें तैयार की गईं थीं।

टीकाकरण अभियान के लिए टीम तैयार

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग डॉ. जेपी मेश्राम का कहना है कि अभियान रद्द नहीं किया गया है। उसकी डेट को आगे बढ़ाया गया है। टीकाकरण करने के लिए टीम तैयार है। अगली तारीख तय होते ही अभियान आयोजित किया जाएगा।

सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल की वजह

दरअसल, राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी को सातवें वेतनमान के तहत ना तो महंगाई भत्ता मिल रहा है और ना ही भाड़ा भत्ता। ऐसे में हर महीने 4 से 14000 का नुकसान हर कर्मचारी को हो रहा है। लंबे समय से इसे लागू किए जाने की मांग की जा रही थी। जिसको लेकर प्रदेशभर के सभी सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर है। इसके चलते स्कूलों और सरकारी दफ्तरों में ताला लटका हुआ है।

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