चार राज्यों को क्रास कर 58 लाख के मवेशियों की तस्करी, पुलिस ने दौड़ाकर पकड़े आरोपी

एनिश पुरी गोस्वामी - मोहला। छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और उसके बाद तेलंगाना मवेशी तस्करी का ऐसा जाल की चार राज्यों का बॉर्डर पार कर गिरोह गौवंशों को गाड़ियों में ठूंस ठूंसकर कत्लखाने ले जा रहे थे। तभी मोहला मानपुर - अंबागढ़ चौकी जिले से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में 104 मवेशियों को वध होने से सुरक्षा बल के जवानों ने बचा लिया है। जब्त किए गए वाहन और मवेशियों की कीमत करीब 58 लाख रुपए आंकी गई है। महाराष्ट्र पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गढ़चिरौली एसपी कार्यालय को गोपनीय सूचना मिली कि बड़े पैमाने पर अलग अलग गाड़ियों में गौवंश गढ़चिरौली जिले से होकर तेलंगाना पहुंचेगा । मवेशियों तस्करी कि सूचना पर तत्काल एक्शन लेते हुए गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल के निर्देश में तमाम थाना क्षेत्रों में नाकाबंदी करते हुए अंदरूनी व मुख्य सड़क पर संगन जांच के दौरान आष्टी पुलिस स्टेशन के कोनसा से जयरामपुर वन क्षेत्र मे 4 आइसर्स ट्रक और 1 पिकअप वाहन मे 104 गौवंश बरामद किए गए हैं।
इन्हें लिया गया है हिरासत में
छत्तीसगढ़ की ओर से तेलंगाना कत्लखाने ट्रांसपोर्टिंग के माध्यम से गाड़ियों में ठूस ठूसकर ले जा रहे आरोपी शेख अब्दुल शेख बख्शू शेख मोबिन शेख, आरिफ शेख नजीर, आरिफ शेख बाबा, चन्द्रशेखर गढ़म को हिरासत में लिया गया है। अन्य 8 आरोपियों जो भागने का प्रयास किए को पृथक तौर पर गिरफ्तार किए गए हैं।
राज्य से बेहद तस्करी
छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना राज्य में बीफ के कारोबार मे गौवंश की आपूर्ति परिवहन और पैदल के माध्यम से बेखौफ जारी होने के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसी दौरान 104 गौवंशो को महाराष्ट्र पुलिस ने दर्दनाक मौत होने से बचाया मवेशियों की कीमत महाराष्ट्र पुलिस ने अपने जारी पत्र में 58 लाख रुपया आंका है।
भाग निकले थे आरोपी पकड़ने 5 किमी दौड़ाया
महाराष्ट्र पुलिस के छापेमारी के दौरान कुछ खूंखार मवेशी तस्कर जंगल क्षेत्र का फायदा उठाकर भाग निकले थे। जिन्हें फोर्स ने दौड़ा-दौड़ा कर पकड़ा ।
इन धाराओं के तहत हुआ है मामला दर्ज
धारा 429, 34 भादवि, उपधारा 5 (ए), (1), महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1955 (संशोधन) और उपधारा 3, 11 (डी) पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और उप- धारा 119 महा. पुलिस अधिनियम, 1951 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 130/177 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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