Snakebite : जशपुर नहीं रहा नागलोक, अब बस्तर, बलरामपुर और बलौदाबाजार में सर्पदंश के सर्वाधिक मामले

जशपुर। राज्य के 44 प्रतिशत भू-भाग वनक्षेत्र (forest area )हैं, ऐसे में यहां विविध प्रकार के वन्यजीवों (animals )के अलावा जैव विविधता से जुड़े जीव-जंतु पाए जाते हैं। इनमें सरीसृप भी प्रमुख हैं। देश मै पिछले पांच वर्षों में जहां सर्पदंश की डेढ़ लाख घटनाएं हुई हैं। इनमें 10 प्रतिशत से ज्यादा सर्पदंश की घटनाएं अकेले छत्तीसगढ़ में हुई हैं। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक 16 हजार 959 घटनाएं हुई हैं। सर्पदंश की सर्वाधिक घटनाएं बस्तर (Bastar)के अलावा रायगढ़(Raigarh )तथा बलरामपुर (Balrampur)में हुई हैं। बस्तर में जहां सबसे ज्यादा सर्पदंश की घटनाएं हुई हैं। वहीं बस्तर के ही नारायणपुर जिले(Narayanpur district) में पांच वर्षों में सबसे कम सर्पदंश के मामले सामने आए हैं। इस जिले में पांच वर्षों में महज 37 सर्पदंश की घटनाएं हुई हैं।
गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ में पिछले एक दशक में सांपों को लेकर नोवा नेचर(Nova Nature )के अलावा अन्य संस्थाएं सर्वे कर रही हैं। साथ ही लोगों में सांपों के संरक्षण, संवर्धन करने जन जागरूकता अभियान (public awareness campaign)चलाया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश के कई दुर्लभ प्रजाति के सांप छत्तीसगढ़ के मैदानी के अलावा वनक्षेत्र में पाए गए हैं। नोवा नेचर ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में 75 प्रजाति के सरीसृपों का पता लगाया है। राज्य में दुर्लभ प्रजाति के सांपों की प्रजातियां पाई गई हैं। इनमें प्रमुख रूप से कोरबा में पाया जाने वाले किंग कोबरा है, जो मध्यभारत में केवल छत्तीसगढ़ में है। यह दुनिया के विषैले प्रजाति के सांपों में सबसे लंबा सर्प है। यह ऐसी प्रजाति का सांप है, जो घोंसला बनाकर रहता है।
जितने खूबसूरत, उतने विषैले हैं ये सांप
राज्य में कुछ ऐसी प्रजाति के भी सांप भी हैं, जो दिखने में जितने खूबसूरत हैं, उतने ही विषैले भी हैं। इनमें प्रमुख रूप से अहिराज, औरनेट फ्लाइंग स्नेक, वैन स्नेक, शील्ड टेल, मॉक वाईपर के नाम शामिल हैं। इनमें अहिराज सहित चार ऐसे सांप भारतीय नाग, करैत, जुड़महामंडल तथा फुरसा हैं, जिनके काटने पर मरीज को तत्काल उपचार की जरूरत पड़ती है। समय पर इलाज नहीं मिलने से मरीज की मौत भी हो सकती है।
टॉप फाइव जिले, जहां सर्वाधिक सर्पदंश
इंटिग्रेटेड हेल्थ इंफार्मेशन प्लेटफार्म (आईएचआईपी), इंटिग्रेटेड डिसीस सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) पोर्टल से प्राप्त डेटा के मुताबिक राज्य में जिन जिलों में वर्ष 2018 से वर्ष 2022 के बीच सर्पदंश की घटनाएं सामने आई हैं, उनमें से पांच जिले ऐसे हैं, जहां सर्वाधिक सर्पदंश की घटनाएं हुई हैं। राज्य में वर्ष 2018-19 में सर्वाधिक सर्पदंश की घटनाएं हुई हैं। इन वर्षों में यहां अलग-अलग जिलों में क्रमशः 4 हजार 482 तथा 5 हजार 388 सर्पदंश की घटनाएं हुई हैं।
बीजापुर - 1268
रायगढ़ - 1242
बलौदाबाजार-भाटापारा - 1213
जांजगीर-चांपा - 1161
सरगुजा - 1112
बलरामपुर-रामानुजगंज 1001
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