Privatization : भारतीय रेलवे के संदर्भ में एक सार्थक चर्चा, रेलयात्री हैं तो जरूर क्लिक करें

रायपुर। भारतीय रेलवे के निजीकरण के लिए सरकार की तैयारियां खबरों में हैं। कहीं विरोध, तो कहीं समर्थन। आखिर निजीकरण कितना जरूरी है, कितना जायज है? यह फैसला देशहित में है, या देशविरोधी? इन्हीं सवालों के जवाबों को जानने और सही परिप्रेक्ष्य, सही संदर्भ में समझने के लिए एक सार्थक संवाद नीचे आपको देखने और सुनने मिलेगा।
आम रेल उपभोक्ताओं की दृष्टि से उठ रहे सवालों को बेबाकी से पूछने वाले हैं 'आईएनएच' और 'हरिभूमि' के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी और जवाब देने वाले न सिर्फ राजनीतिज्ञ हैं बल्कि रेलवे सेक्टर के प्रकांड जानकार भी शामिल हैं।
सवालों के जवाब कितने मुफीद और तर्कसंगत हैं, जानना सबके लिए जरूरी है। यह चर्चा कितनी सार्थक है, यह देखने और जानने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर जरूर क्लिक कीजिए।
नीचे दो लिंक हैं, दोनों में से अपनी सुविधानुसार किसी भी एक को क्लिक कीजिए-
भारतीय रेलवे के निजीकरण पर डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ विशेष चर्चा
Special Discussion with Dr. Himanshu Dwivedi on Privatization of Indian Railways
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