जयंती पर विशेष, जब राष्ट्र कवि का सम्मान करने पहुंचे कवि अटल जी : 36 साल पहले काले हीरे की नगरी पहुंचे थे पूर्व प्रधानमंत्री

जयंती पर विशेष, जब राष्ट्र कवि का सम्मान करने पहुंचे कवि अटल जी : 36 साल पहले काले हीरे की नगरी पहुंचे थे पूर्व प्रधानमंत्री
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अटल बिहारी वाजपेयी आज से 36 साल पहले मनेन्द्रगढ़ और चिरमिरी आए थे।जानिए छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी के छत्तीसगढ़ दौरे के बारे में। पढ़िए पूरी खबर ....

रविकांत सिंह राजपूत- मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी आज से 36 साल पहले मनेन्द्रगढ़ और चिरमिरी आए थे। कवि और पत्रकार से लेकर प्रधानमंत्री पद तक का सफर तय करने वाले भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी सन 1886 में काले हीरे की नगरी चिरमिरी में एक राष्ट्रकवि का सम्मान करने आए थे। चिरमिरी के नेताजी सुभाष मंच के आयोजित कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहते हुए भी एक कवि के तौर पर राष्ट्र कवि श्री कृष्ण सरल का सम्मान किया था और मंच से अटल जी ने अपनी स्वरचित कविता का पाठ भी किया था। अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्र कवि श्री कृष्ण सरल के साथ ही चिरमिरी आए थे। अटल बिहारी वाजपेयी जी से मिले सम्मान के बाद कवि श्री कृष्ण सरल को कई मंचो पर सम्मानित किया गया। अटल जी ने राष्ट्र कवि श्री कृष्ण सरल को सम्मान दिलाने के मामले को संसद में उठाया था, जिसके बाद से सरकार ने कवि कृष्ण सरल को विभिन्न सम्मान से नवाजा। चिरमिरी में श्री कृष्ण सरल के बारे में अटल जी ने कहा था कि एक राष्ट्र कवि जिसने अपने स्वयं के खर्चे से देश के सभी शहीदों और क्रांतिकारियों पर रचनाएं लिखीं। शहीदों का ब्यौरा जुटाकर शोध किया उनकी जानकरी दुनिया तक पहुंचाई, ऐसे कवि का सम्मान होना चाहिए। अटल जी ने आगे कहा कि चिरमिरी काले हीरे की नगरी में जो सम्मान श्रीकृष्ण सरल जी को दिया गया है वह सम्मान किसी राष्ट्रीय सम्मान से कम नहीं है।

राष्ट्र कवि का सम्मान करने आए थे छत्तीसगढ़

स्व अटल बिहारी वाजपेयी चिरमिरी में राष्ट्र कवि श्रीकृष्ण सरल का सम्मान करने आए थे लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं के जिद के आगे उन्हें हार मानना पड़ा और मनेन्द्रगढ़ के हाई स्कूल मैदान में उन्हें भाजपा की आमसभा को राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते संबोधित करना पड़ा। अटल जी ने कहा कि मैं यहां एक पवित्र कार्यक्रम के लिए आया हु मैं भारतीय जनता पार्टी के किसी कार्यक्रम में सम्मलित नहीं होना चाहता। लेकिन कार्यकर्ताओं के काफी अनुरोध के आगे मैं हार गया और मनेन्द्रगढ़ की सभा में आया। सभा में भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से भाजपा नेता ने उन्हें 61 हजार रुपए की पोटली भेंट की।भारतीय जनता पार्टी के अविभाजित सरगुजा जिला कोषाध्यक्ष सुदर्शन अग्रवाल के घर में उनका भोजन हुआ। सुदर्शन अग्रवाल ने उनका हाथ धुलवाया था और खाना परोसकर खिलाया था।

अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में चुनावी सभा को किया था संबोधित

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी वर्ष 2003 में जब पहली बार छत्तीसगढ़ आए थे तो उन्होंने अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में चुनावी सभा को संबोधित किया था। इस दौरान चारों ओर कांग्रेस का बोलबाला था। इसके बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी।

अटल जी पार्टी के छोटे-से-छोटे कार्यकर्ता की जानकारी रखते थे

वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता अधिवक्ता विजय प्रकाश अटल बिहारी वाजपेयी के 36 साल पहले हुए दौरे को याद करते हुए बताते हैं कि जब मैंने अटल जी को प्रणाम करते हुए अपना परिचय दिया कि मैं विजय प्रकाश पटेल तो उन्होंने कहा कि- कौन से पटेल हो बड़ा बाजार बड़ा पटेल या छोटा बाजार छोटा पटेल तब मैंने बताया कि मैं छोटा बाजार छोटा पटेल तो उन्होंने कहा था कि मुझे जानकरी यही थी कि चिरमिरी में दो पटेलों ने भाजपा के लिए काम किया है एक बड़ा पटेल चंद्रकांत पटेल जो बड़ा बाजार में रहते है एक छोटा पटेल विजय प्रकाश पटेल जो छोटा बाजार में रहते है। विजय प्रकाश पटेल ने बताया कि छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं की जानकारी अटल जी के पास थी जो आज के समय के नेताओ में कम देखनो को मिलती है।

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