एडिनो वायरस के साथ स्टेपलर कॉकस बैक्टीरिया ने मचा रखी छग में दहशत

एडिनो वायरस के साथ स्टेपलर कॉकस बैक्टीरिया ने मचा रखी छग में दहशत
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छत्तीसगढ़ के साथ देश के कई राज्यों में यह समस्या अपना असर दिखा रही है। इस आधार पर तेजी से पैर पसार चुके आई फ्लू (Eye Flu )की पहचान के लिए छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्य से नमूने लेकर लैब में जांच की गई, जिसमें वायरस (Virus)और उसका साथ देने वाले बैक्टीरिया (Bacteria )की पहचान कर ली गई है।

रायपुर । छत्तीसगढ़ में पिछले आठ दस दिन से आईफ्लू(Eye Flu )का संक्रमण कोरोना की तरह लगातार फैल रहा है। इसे लेकर राज्य शासन द्वारा भी अलर्ट जारी किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ के साथ देश के कई राज्यों में यह समस्या अपना असर दिखा रही है। इस आधार पर तेजी से पैर पसार चुके आई फ्लू की पहचान के लिए छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्य से नमूने लेकर लैब में जांच की गई, जिसमें वायरस (Virus)और उसका साथ देने वाले बैक्टीरिया (Bacteria )की पहचान कर ली गई है। राज्य में बलौदाबाजार जिले के लैब और रायपुर मेडिकल कालेज (Raipur Medical College )के साथ कुछ अन्य राज्यों में सामने आए कल्चर रिपोर्ट में कंजंक्टिवाइटिस की वजह एडिनो वायरस को माना गया और इसका तेजी से विस्तार करने वाले बैक्टीरिया की पहचान स्टेपलर कॉकस के रुप में की गई है।

आई फ्लू के कारणों की पहचान होने के बाद ऑल इंडिया ऑप्थेल्मोलॉजी सोसाइटी (एआईओएस) की सलाह पर संक्रमण के उपचार के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ( Union Ministry of Health ) की गाइडलाइन में उपयोग की जाने वाली दवा पर किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। आई फ्लू (Eye Flu ) की वजह राज्य के शासकीय सहित कई निजी अस्पतालों ( Hospital) में करीब दो हजार मोतियाबिंद की सर्जरी प्रभावित हो चुकी है। प्री-प्लान तरीके से होने वाली सर्जरी के लिए संक्रमण कम होने का इंतजार किया जा रहा है।

विभागीय आंकड़ा 22 हजार के करीब

राज्य में कंजंक्टिवाइटिस यानी पिंक आई अथवा आई फ्लू (Eye Flu ) से पीड़ितों की संख्या स्वास्थ्य विभाग ( health Department ) के मुताबिक 22 हजार के करीब है। संक्रमितों की पहचान विभिन्न स्थानों पर लगाए जाने वाले नेत्र शिविर और शासकीय अस्पतालों (Hospital )तक आने वाले मरीजों के हिसाब यह संख्या सामने आई है। वहीं संक्रमित होने के बाद निजी अथवा अन्य लोगों की सलाह के आधार पर आई ड्राप का उपयोग कर अपना इलाज करने वालों की संख्या काफी अधिक होने की आशंका है।

अब उत्तर और पूर्व राज्यों की ओर

सूत्रों के मुताबिक कंजंक्टिवाइटिस की शिकायत अब उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी सामने आने लगी है। उच्च पदस्थ अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि उन इलाकों में इसके अधिक विस्तार होने की संभावना कम है क्योंकि अन्य राज्यों की तुलना में वहां का वातावरण ठंडा रहता है। आई फ्लू की समस्या तापमान बढ़ने और बारिश के बाद वातावरण में नमी आने की वजह से बढ़ती है।

पहचान हुई

नोडल अधिकारी अंधत्व निवारण कार्यक्रम डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि ,आई फ्लू के वायरस (Virus) और बैक्टीरिया (Bacteria ) की पहचान हो चुकी है। इसके उपचार के प्रोटोकॉल में कोई बदलाव नहीं हुआ है। संभवत: सप्ताहभर के भीतर इसकी शिकायत कम हो जाएगी।

कई राज्यों में तेजी से फैल रहा आई फ्लू

राजधानी दिल्ली सहित देश के कई अन्य हिस्सों में कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू के मामले काफी तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। दिल्ली के अस्पतालों में काफी संख्या में इसके मरीज इलाज के लिए पहुंचने लगे हैं। जम्मू-कश्मीर में हर दिन एक हजार हजार केस आ रहे हैं। उत्तरप्रदेश के अस्पतालों में आई फ्लू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी कंजक्टिवाइटिस ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है।

वायरस - बैक्टीरिया की वजह से तेजी

दिल्ली एम्स के राजेंद्र प्रसाद नेत्र केंद्र के निदेशक डॉ जीवन सिंह तितियाल ने बताया कि इस वक्त एम्स में हर दिन 70 से 100 मरीज आई फ्लू के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि, आई फ्लू की जांच के दौरान कुछ में एडिनोवायरल वायरस तो वहीं कुछ मरीजों में स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया की पहचान की गई।

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