सड़क मार्ग से कोल परिवहन के प्रतिबंध से बेअसर रहेंगे राज्य पॉवर कंपनी के प्लांट

सड़क मार्ग से कोल परिवहन के प्रतिबंध से बेअसर रहेंगे राज्य पॉवर कंपनी के प्लांट
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रायपुर: छत्तीसगढ़ की भी 28 कोल खदानों की नीलामी होने वाली है। इस बार कोल खदानों की लंबी दूरी के लिए सड़क मार्ग से कोल परिवहन पर प्रतिबंध रहेगा।

रायपुर: छत्तीसगढ़ की भी 28 कोल खदानों की नीलामी होने वाली है। इस बार कोल खदानों की लंबी दूरी के लिए सड़क मार्ग से कोल परिवहन पर प्रतिबंध रहेगा। ऐसे में सड़क मार्ग से परिवहन करके कोयला मंगाने वाले उद्योगों को परेशानी होगी, लेकिन जहां तक छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी का सवाल है, तो उसके कोरबा के प्लांटों में जहां कन्वेयर बेल्ट और ट्रेन से कोयला आता है, वहीं मड़वा के प्लांट के लिए ट्रेन से कोयला आने के बाद करीब 40 किलोमीटर तक सड़क मार्ग का उपयोग होता है। मड़वा तक रेल मार्ग का काम चल रहा है। इसमें करीब डेढ़ साल का समय लगेगा। ऐसे में कोल परिवहन के प्रतिबंध से पॉवर कंपनी के प्लांट बेअसर रहेंगे।

कोयला मंत्रालय छठे चरण में कोल ब्लाॅक की नीलामी कर रहा है। इसकी प्रक्रिया इस माह पूरी होगी। छठे चरण में देश के 11 राज्यों में 141 कोल ब्लाॅक की नीलामी होगी, उनमें 28 अपने राज्य की हैं। इन 28 में से 11 खदानें रायगढ़ जिले के तमनार, घरघोड़ा ब्लॉक में हैं। यहां पहले से चालू खदानों से सड़क मार्ग से ट्रकों के जरिए कोयले की ढुलाई के कारण प्रदूषण खतरनाक स्तर पर होने के कारण एनजीटी ने 2020 में इसी क्षेत्र विशेष के लिए फैसला दिया था। एनजीटी की सिफारिश पर गठित कमेटी के सुझावों पर अमल करते हुए कोयला मंत्रालय ने तमनार और घरघोड़ा ब्लॉक की खदानों के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त यह रख दी है कि वे सड़क मार्ग से कोयले की ढुलाई नहीं करेंगे। सिर्फ रेल और कन्वेयर बेल्ट से ही ढुलाई की मंजूरी दी गई है।

पॉवर प्लांट में परेशानी नहीं

छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी के कोरबा वेस्ट के प्लांट में जहां कन्वेयर बेल्ट से 14 किलोमीटर दूर से कोयला आता है, वहीं श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्लांट के लिए कोयला ट्रेन से आता है। कोरबा वेस्ट में 210 मेगावाट के चार और एक पांच सौ मेगावाट का प्लांट है। श्यामा प्रमाद मुखर्जी ताप गृह में 250 मेगावाट के दो प्लांट हैं। इसके आलावा मड़वा में 500 मेगावाट के दो प्लांट हैं। इसके लिए पॉवर कंपनी की अपनी खदान गारे पेल्मा से कोयला आता है।

मड़वा के लिए रेल मार्ग का चल रहा काम

उत्पादन कंपनी के मड़वा प्लांट में 40 किलोमीटर ही सड़क मार्ग से कोयले का परिवहन होता है। इसके लिए रेल मार्ग पर काम चल रहा है। एक से डेढ़ साल में काम पूरा होने पर प्लांट तक कोयला ट्रेन से पहुंचेगा।

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