6 सूत्रीय मांगों को लेकर राशन दुकान संचालकों की प्रदेशव्यापी हड़ताल आज

6 सूत्रीय मांगों को लेकर राशन दुकान संचालकों की प्रदेशव्यापी हड़ताल आज
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मासिक मानदेय सहित 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के शासकीय उचित मूल्य दुकानों के संचालक 21 दिसंबर को हड़ताल पर रहते हुए राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन करने जा रहे हैं।

रायपुर। मासिक मानदेय सहित 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के शासकीय उचित मूल्य दुकानों के संचालक 21 दिसंबर को हड़ताल पर रहते हुए राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन करने जा रहे हैं। हालांकि राशन विक्रेता संघ के इस आंदोलन में पहले ही फूट पड़ चुकी है, क्योंकि उनके आंदोलन में रायपुर और दुर्ग जिले के राशन विक्रेताओं ने शामिल होने से इंकार कर दिया है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि रायपुर और दुर्ग के राशन दुकान संचालक इस आंदोलन का हिस्सा नहीं रहेंगे, लेकिन प्रदेश के अन्य सभी जिलों के राशन विक्रेता इस आंदोलन में शामिल होंगे। पदाधिकारियों ने दावा किया है कि इस आंदोलन के दौरान रायपुर और दुर्ग छोड़कर अन्य सभी जिलों में राशन दुकानें बंद रहेगी, जिससे एक दिन हितग्राहियों को राशन नहीं मिल पाएगा।

राजधानी में आज जुटेंगे प्रदेशभर के राशन विक्रेता

छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामदेव सिन्हा ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर पहले भी कई बार आंदोलन कर शासन का ध्यान आकर्षित कराते हुए ज्ञापन सौंपा है, लेकिन अब तक उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर 21 दिसंबर को एक बार फिर प्रदेशव्यापी आंदोलन करने जा रहे हैं। इस आंदोलन के दौरान राशन दुकान बंद कर रायपुर के बूढ़ातालाब धरनास्थल पर प्रदेशभर के राशन विक्रेता एकत्र होकर अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर मांग पूरी नहीं की गई तो आगामी दिनों में बड़े आंदोलन के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी।

ये हैं मांगें

मानदेय व्यवस्था लागू करें। इसके तहत संघ ने समस्त विक्रेताओं को 30 हजार रुपए मानदेय देने एवं अन्य राज्यों की तरह कमीशन की राशि में तीन सौ रुपए की वृद्धि करने की मांग की है, ताकि विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। कमीशन की रुकी राशि, वर्ष 2018 से लेकर 2020 का मार्जिन कमीशन और वित्तीय पोषण की बारदाना की अप्राप्त राशि को जल्द से जल्द दिया जाए। कमीशन की राशि सीधे संचालक के खातों में दी जाए। राशन विक्रेताओं का कहना है कि विभाग द्वारा कमीशन की राशि को नागरिक आपूर्ति निगम या अनुसंस्था विभाग के माध्यम से राशन दुकान संचालकों को 4 से 6 महीने में दी जाती है, इसलिए विक्रेताओं के बैंक खातों में सीधे राशि देने की व्यवस्था की जाए। तीन प्रतिशत अतिरिक्त सूखत के रूप में प्रति क्विंटल के हिसाब से भंडारण राशन दुकानों में किया जाए, ताकि शार्टेज की कमी पूरा हो।

सर्वर की समस्या

संघ विक्रेताओं ने सर्वर प्रॉब्लम का हवाला देते हुए यह भी मांग की है कि जब तक सर्वर ठीक नहीं हो जाता, तब तक इलेक्ट्राॅनिक कांटा को ई-पॉस मशीन से कनेक्ट नहीं किया जाए। इससे हितग्राही और विक्रेता दोनों को कई तरह की परेशानियां हो रही हैं।

खाद्यान्न में कटौती

राशन विक्रेता संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि माह नवंबर में बिना पूर्व सूचना के, भौतिक सत्यापन किए बिना खाद्यान्न में कटौती कर दी गई है। विक्रेताओं का कहना है कि टैबलेट वितरण में सर्वर की समस्या के कारण ऑफलाइन राशन वितरण किया गया, जिसके कारण टैबलेट में शेष स्कंध दिख रहा है। संघ ने मांग की है कि फरवरी 2022 के पूर्व शेष स्कंध को शून्य किया जाए और जब से ई-पास मशीन शुरू हुई है, उस बचत स्टॉक को किस्तों में समायोजन करने की व्यवस्था की जाए।

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