ब्लैक स्पॅाट पर उजाले के लिए आए सुझाव

सड़कों पर सुरक्षित माहौल बनाने पुलिस अमले का प्रयास दूसरे विभागों के उदासीन रवैये की वजह से लगातार फेल हो रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सड़क सुरक्षा समिति की बैठक के बाद सड़कों पर जरूरी सुधार के निर्देश जारी किए गए लेकिन निर्देशों पर कहीं भी अमल नहीं हुआ। समिति की अहम बैठक को महीनों गुजर जाने के बाद से आलम कुछ ऐसा है जिन जगहों पर तत्काल सुधार की बात कही गई है वहां कुछ भी बदलाव नहीं हो सका है।
कोरोनाकाल में लॉकडाउन हटाए जाने के बाद एक बार फिर से ट्रैफिक का पिकऑवर तय होने लगा है। चिन्हांकित ब्लैक स्पॉट में बिना किसी सुधार कार्य परेशानी फिर बढ़ने लगी है। दिसंबर महीने में सड़क सुरक्षा समिति की ओर से अहम प्रस्ताव सुझाए गए लेकिन इन पर अमल कहीं भी नहीं हो सका है।
ट्रैफिक पुलिस ने 13 अहम बिंदुओं पर सुझाव दिए हैं लेकिन इनमें से आधी जगहों पर हरिभूमि की पड़ताल में निर्माण एजेंसियों के उदासीन रवैये की वजह से परेशानी बढ़ती दिखी है। कहीं भी किसी तरह से बदलाव नहीं हो सका है। आने वाले दिनों में ट्रैफिक के साथ हादसों की भी आशंका बढ़ने लगी है।
सुरक्षा समिति की बैठक में ये थे निर्देश
नंबर-01
टाटीबंध चौक में फ्लाईओवर निर्माण कार्य शुरू हुआ। क्षेत्र ब्लैक स्पाॅट की सूची में शामिल है। सर्वे में लाइटनिंग की कमी की वजह से हादसे बढ़ने का अंदेशा था।
निर्देश- सोलर लाइट का उपयोग कर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, आवश्यक इंजीनियरिंग सुधार और सांकेतिक बोर्ड व रोड मार्किंग की जरूरत।
परिणाम- क्षेत्र में ट्रैफिक पुलिस के निर्देशों का कहीं भी पालन नहीं। निर्माण स्थल पर रोड मार्किंग-सांकेतिक बोर्ड के बगैर जोखिम आम।
जिम्मेदार एजेंसी- नेशनल हाईवे/लोक निर्माण।
नंबर-02
बिलासपुर हाईवे पर चिन्हांकित दुर्घटनाजन्य स्थल ब्लैक स्पाॅट 01 घोषित। भनपुरी तिराहा से यातायात थाना, गड़रिया नाला बेमता तक हादसों का संकट।
निर्देश- पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, रंबलर स्ट्रीप, रोड मार्किंग होना जरूरी।
परिणाम- दिसंबर महीने में निर्देश के बाद भी कहीं सुधार कार्य नहीं हो सका, बल्कि इतने दिनों में 15 से ज्यादा हादसे भी हो गए।
निर्माण एजेंसी- एनएचएआई, पीडब्लूडी
नंबर-03
शहर के मुख्य बाजारों शास्त्री बाजार, सदरबाजार रोड, पंडरी कपड़ा मार्केट रोड, तेलघानी नाका, मरीन ड्राइव और बूढ़ा तालाब गार्डन के लिए अलग से पार्किंग स्थल की मार्किंग जरूरी।
परिणाम- पार्किंग स्थल सुनिश्चित नहीं किए जाने की वजह से मुख्य मार्गों में ही वाहनों को खड़े करने के इंतजाम। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या।
निर्माण एजेंसी- नगर निगम
नंबर-04
नवनिर्मित अंतर्राज्यीय बस स्टैंड पर यात्रियों की सुविधा के लिए ऑटो प्री-पेड बूथ का निर्माण और बलौदाबाजार, बिलासपुर, महासमुंद, दुर्ग, धमतरी जिलों से आने वाले यात्रियों के लिए रिंगरोड 1, 2 और 3 में स्टॉपेज निर्माण का प्रस्ताव।
परिणाम- कहीं भी स्टॉपेज नहीं बनाया गया। बस ऑपरेटर जल्दबाजी में सवारी उठाने बरत रहे लापरवाही। इसकी वजह से कभी भी बड़ा हादसा।
निर्माण एजेंसी- नगर निगम-स्मार्ट सिटी-क्षेत्रीय परिवहन विभाग
नंबर-05
फोरलेन निर्माण की वजह से रायपुर-धमतरी की दूरी लगभग 15 किमी कम होने से भारी वाहनों का दबाव संतोषीनगर मार्ग में बढ़ा। ग्राम डूंडा तक सर्विस रोड निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया।
परिणाम- सर्विस रोड कहीं बनी नहीं, उल्टे इस मार्ग में किनारे अब बेजा कब्जों की वजह से ट्रैफिक के लिए आफत।
निर्माण एजेंसी- पीडब्लूडी, एनएचएआई
नंबर-06
कचना मार्ग में अग्रसेन चौक से लेकर शंकर नगर, खम्हारडीह मार्ग तक चौड़ीकरण जरूरी। शंकरनगर मुख्य मार्ग में ट्रैफिक का दबाव अब पहले से ज्यादा।
परिणाम- लॉकडाउन की वजह से यह प्रस्ताव ढेर। ट्रैफिक पुलिस को फिलहाल सुधार कार्य के लिए कोई रिपोर्ट नहीं मिली।
निर्माण एजेंसी- नगर निगम, पीडब्लूडी
दिए गए थे निर्देश
सड़क सुरक्षा समिति की अहम बैठक में आवश्यक बिंदुओं पर निर्देश देकर सुधार करने कहा गया है। संबंधित एजेंसियों को ट्रैफिक रिपोर्ट के हिसाब से सुधार करने प्रस्ताव दिए गए हैं। दुर्घटना रोकने के लिए यह बहुत जरूरी है
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