छत्तीसगढ़ से कोयले की सप्लाई में आई तेजी : मालगाड़ियों में रैक बढ़ाने की प्लानिंग

बिलासपुर। कोयला संकट और बिजली बंद होने की आशंकाओं के बीच जो SECL उत्पादन बढ़ाने के लिए मशक्कत कर रहा है। वहीं रेलवे पर कोयला सप्लाई बढ़ाने का दबाव है। इसी के चलते दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन मुख्यालय से मालगाड़ी के रैक बढ़ाने की कोशिश हो रही है। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ ही कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल के कोरबा का दौरा किया था। इसमें भरोसा दिलाया था कि पावर प्रोजेक्ट बंद नहीं होने दिया जाएगा। कोयले की कोई कमी नहीं होगी।
SECL के जिम्मेदार अफसरों की मानें तो रोजाना 3 लाख मीट्रिक टन कोयला भेजा जा रहा है। रेलवे के अफसर भी बताते हैं कि प्रतिदिन करीब 100 रैक कोयले की ढुलाई हो रही है। यही वजह है कि पिछले साल की तुलना में अभी तक 38 दिन में 100 मिलियन टन कोयला ढुलाई कर चुका है। अफसरों ने कहा कि बिजली उत्पादन कंपनियों की डिमांड के अनुसार कोयला परिवहन के लिए अभी तक पर्याप्त संख्या में रैक उपलब्ध कराया गया है। किसी कंपनी का डिमांड पूरी नहीं हुई है ऐसी स्थिति नहीं आई है। आने वाले समय में SECL व बिजली कंपनियों की डिमांड के अनुसार रैक मुहैया कराई जाएगी।
राजस्थान, पंजाब तक होती है सप्लाई
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से छत्तीसगढ़ की बिजली उत्पादक कंपनियों के साथ ही मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में बिजली उत्पादन के लिए कोयला सप्लाई किया जाता है। इसमें NTPC, NBPJ सहित कई बड़ी कंपनियों को रेलवे के जरिए कोयले की आपूर्ति की जाती है।
रैक मिलती रहे तो नहीं बाधित होगी सप्लाई
SECL के अफसरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ की बिजली उत्पादन इकाइयों में कोयले की कमी की समस्या नहीं होगी। उन्हें जितनी कोयले की जरूरत होती है उतना कोयला सामान्य रूप से उपलब्ध कराया जा सकता है। कोयला खदानों में तकनीकी दिक्कत होने पर ही उत्पादन प्रभावित होता है। बारिश में कोयला खदानों में पानी भरने की वजह से कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कोयला आपूर्ति के लिए रैक उपलब्ध नहीं होने के कारण समस्या हो सकती है।
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