यहां बीता था स्वामी जी के बचपन का 2 बहुमूल्य साल : 150 साल पुरानी विवेकानंद इमारत को सजाएगी सरकार, ऑडियो-विजुअल प्रदर्शनी से जीवंत होंगे स्वामी विवेकानंद

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जिस घर में स्वामी विवेकानंद का बचपन बीता था, अब उस घर का पुराना वैभव लौटेगा। करीब 150 साल पुरानी इस इमारत को नये सिरे से सजाने के काम की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को शुरुआत की है। स्मारक बनाने के लिए इस भवन को पुराने स्वरूप में वापस लौटाया जाएगा। इस स्मारक में एक ऑडियो-विजुअल प्रदर्शनी भी होगी। मुख्यमंत्री बघेल ने गुरुवार को दोपहर बूढ़ापारा के डे-भवन पहुंचकर भवन को भीतर-बाहर से देखा।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के बेलूर स्थित रामकृष्ण मिशन विवेकानंद शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थान के कुलपति स्वामी सर्वोत्तमानंद, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत आदि मौजूद रहे। अफसरों ने उन्हें भवन के संरक्षण और स्मारक निर्माण की रूपरेखा की विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, स्वामी विवेकानंद की स्मृति को सहेजने के लिए डे-भवन को विवेकानंद स्मारक के रूप विकसित किया जाएगा। इस भवन में संचालित स्कूल के लिए अलग से ढाई करोड़ की लागत से नया भवन बना दिया गया है। गुरुवार को इसका भी उद्घाटन कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा, नरेंद्र को स्वामी विवेकानंद बनाने में रायपुर का बड़ा योगदान है। उन्होंने अपने जीवन की किशोरावस्था के दो वर्ष का समय रायपुर में बिताया।

लेखों और दस्तावेजों भी होंगे
संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी. के अनुसार, कोलकाता के बाद स्वामी विवेकानंद ने जिस शहर में सबसे अधिक समय बिताया वह रायपुर है। इसलिए यह जगह राष्ट्रीय महत्व की है। इस परियोजना के तहत इस पुरानी इमारत का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके अन्दर स्वामी विवेकानंद के जीवन और योगदान पर केंद्रित एक ऑडियो-विजुअल प्रदर्शनी रहेगी। बताया गया, इसमें उन लेखों और दस्तावेजों को भी रखने की तैयारी है जिनमें स्वामी विवेकानंद के रायपुर प्रवास और डे-भवन में रहने का विवरण दर्ज है। इस पूरी परियोजना पर करीब 4.5 करोड़ रुपए का खर्च प्रस्तावित है।
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