कहीं आप भी तो नहीं टीबी का शिकार, कोरोना संक्रमण के बाद 22 लाख लोगों में मिले लक्षण

कहीं आप भी तो नहीं टीबी का शिकार, कोरोना संक्रमण के बाद 22 लाख लोगों में मिले लक्षण
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कोरोना संक्रमित होने के बाद लोगों में टीबी का खतरा रहता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 22 दिन तक प्रदेश में किए गए सर्वे के तहत 1.35 लाख लोगों में क्षय रोग के लक्षण मिले हैं।

रायपुर। कोरोना संक्रमित होने के बाद लोगों में टीबी का खतरा रहता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 22 दिन तक प्रदेश में किए गए सर्वे के तहत 1.35 लाख लोगों में क्षय रोग के लक्षण मिले हैं। ऐसे लोगों की सूची तैयार कर जांच के माध्यम से उनकी पुष्टि का प्रयास किया जा रहा है। अधिकृत तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की जाती, मगर चिकित्सकों के मुताबिक कोरोना की वजह से फेफड़े में हुए इंफेक्शन के कारण टीबी जैसी समस्या बढ़ने लगी है। इसीलिए लोगों को इस तरह की सलाह भी दी जाती रही है कि संक्रमण मुक्त होने के बाद भी खांसी की समस्या ठीक नहीं हो रही है, तो टीबी की जांच करवानी चाहिए।

दूसरी ओर टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए चलाए जा रहे सर्वे अभियान के दौरान प्रदेश में 1.35 लाख लोगों को इस बीमारी के लिए संदिग्ध माना गया है। जांच करने वाली टीम ने संबंधित लोगों को लंबे समय से खांसी, कमजोरी जैसे लक्षण के आधार पर लोगों को संदिग्ध माना है। ऐसे लोगों की सूची तैयार कर पुष्टि के लिए लोगों की जांच करवाई जा रही है। अधिकारियों का तर्क हकि कोरोना के कारण फेफड़े कमजोर होने के साथ ध्रूमपान, प्रदूषण की वजह से भी इस तरह की समस्या बढ़ जाती है।

लेप्रोसी के 47 हजार संदिग्ध टीबी के साथ लेप्रोसी के नए मरीजों की पहचान के लिए भी अभियान चलाया गया। इसके लिए उन क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस किया गया था, जहां पुराने मरीज निवास करते हैं। कुष्ठ मरीजों की पहचान के लिए भी निर्धारित प्रो-फार्मा में सर्वे किया गया था, जिसमें 47 हजार लोगों को संदिग्ध पाया गया है। इनके भी सैंप लेकर लैब में जांच के लिए भेजा गया है। 18 सौ ड्रायवरों की नजर कमजोर इसी तरह अंधत्व निवारण अभियान के तहत प्रदेश में 3757 वाहन चालकों की आंखों की जांच विभिन्न टोल प्लाजा में शिविर लगाकर सप्ताहभर तक चलाए गए अभियान में 1874 लोगों की आंखों में समस्या पाई गई है।

इनमें से चार सौ वाहन चालक ऐसे थे, जिनकी नजर कमजोर थी। वाहन चालकोंं को इस दौरान जरूरी इलाज और चश्मा लगाने की सलाह भी दी गई। छूटे स्थानों का फिर से सर्वे सर्वे का उद्देश्य टीबी मरीजों की पहचान कर उन्हें उपचार की सुविधा उपलब्ध कराना है। छूटे स्थानों पर फिर सर्वे का निर्देश दिया गया है।

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