राज्य शिक्षक सम्मान : अपनी इन विशेषताओं के कारण सम्मानित किए गए छत्तीसगढ़ के शिक्षक

राज्य शिक्षक सम्मान : अपनी इन विशेषताओं के कारण सम्मानित किए गए छत्तीसगढ़ के शिक्षक
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स्कूली बच्चों का भविष्य गढ़ने के साथ-साथ उन्हें सामाजिक सरोकार से जोड़ने के लिए पूरी निष्ठा और लगन के साथ जुटे रहने वाले शिक्षकों का सम्मान वास्तव में शिक्षा के प्रति उनके समर्पण का सम्मान है। आज प्रदेश की राज्यपाल सुश्री अनसुईया उइके एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित शिक्षकों ने अपने अध्यापन शैली, विविध नवाचार एवं सामाजिक दायित्वों के माध्यम से नये आयाम स्थापित किए हैं। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। आज राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार 2020 हेतु चयनित ऐसे शिक्षकवृंद जिन्हें राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने शॉल-श्रीफल और सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया और यह उम्मीद जताई कि शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित शिक्षकों के कार्य अन्य शिक्षकों के लिए अनुकरणीय होंगे। राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होने वाली मधु शर्मा महासमुंद जिले की शासकीय श्री राम उच्च प्राथमिक शाला में पदस्थ हैं। वे शाला को सुव्यवस्थित रखने के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी सहभागिता प्रदान करती हैं। स्काउट गाइड में सक्रिय भूमिका निभाने के अलावा अस्मिता नारी सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी हैं।

महासमुंद जिले की पिथौरा की शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक नरेश कुमार नायक ने टीएलएम और नवाचार का प्रयोग करते हुए बच्चों के विकास के लिए स्कूल में ही अतिरिक्त कक्षाएं लगाईं साथ ही ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी कोर्स का रिवीजन और विषय की जटिलता दूर करने के उद्देश्य से कक्षाएं पूर्ण की। लीना वर्मा व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पचेड़ा रायपुर ने रसायन विज्ञान विषय में नवाचार के लिए आईआईटी दिल्ली, एमएचआरडी से राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हैं। लीना वर्मा मिनीमाता महिला सशक्तिकरण अवार्ड से भी सम्मानित हो चुकी हैं। रायपुर जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खोला के व्याख्याता राम गोपाल वर्मा संस्कृत विषय के कर्तव्यनिष्ठ अनुशासित एवं समय के पाबंद शिक्षक हैं। उन्होंने स्कूल में शैक्षिणिक गतिविधियों के अलावा योग, व्यायाम, खेल-कूद, वृक्षारोपण, सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यों द्वारा बच्चों को लाभान्वित किया। स्काउट मास्टर की भूमिका का निर्वहन करते हुए अनेक छात्रों को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित कराने का गौरव भी उन्हें प्राप्त है।

राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों में डॉ. मुकुटधर पाण्डे स्मृति पुरस्कार से सम्मानित रश्मि गुप्ता व्याख्याता शासकीय हायर स्कूल लिंगियाडीह, जिला बिलासपुर में पदस्थ हैं। उन्होंने 3 पुस्तकें लिखी हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ का छत्तीसगढ़ी भाषा में प्रथम प्रेरक प्रसंग पुस्तक, सियान मन के सीख भाग-2, राष्ट्रीय पुस्तकालय कोलकाता में सूचीबद्ध है। डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार से नवाजे गये उच्च वर्ग शिक्षक दिनेश कुमार पाण्डे शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ओछीनापार कोटा बिलासपुर में पदस्थ हैं। उन्होंने शिक्षण में नवाचार करते हुए कबाड़ से जुगाड़ कंप्यूटर कक्ष निर्माण प्रोजेक्टर के द्वारा शिक्षण विधि से बच्चों को लाभान्वित किया। उनके द्वारा लिखी पुस्तक से विद्यार्थियों और पर्यटकों, गम्मत गायकों और संगीत में रूचि रखने वालों को बहुत लाभ मिला है। डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्मृति पुरस्कार से सम्मानित शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक शाला कौंदकेरा फिंगेश्वर जिला गरियाबंद के प्रधान पाठक मुन्नालाल देवदास द्वारा नवाचारों में अंकों से हिन्दी और अंग्रेजी के अक्षर बनाने की विधि बनाई गयी है, जिसे पुस्तक के रूप में थ्री इन वन एक शैक्षिक नवाचार नाम से प्रकाशित करवाया है।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोहका जिला दुर्ग की व्याख्याता शैलजा सुरेश ने 37 वर्ष की कुल सेवा अवधि में उत्तम परीक्षा फल के साथ कक्षा शिक्षण को रोचक एवं प्रभावशाली बनाने के लिए विद्यालय में संस्कृत कार्यशाला की स्थापना की। दुर्ग जिले की ही शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नेवई की उच्च श्रेणी शिक्षक डॉ. नीलांजना जैन ने अकादमिक गतिविधियों के साथ-साथ खेलकूद में राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों की सहभागिता दिलाई। उन्होंने शून्य निवेश में नवाचार कर शिल्प कला से सर्वांगिण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।


छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि हमारी राज्यपाल भी स्वयं शिक्षिका रही हैं: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षकों को सम्मानित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके स्वयं शिक्षिका रही हैं। बघेल ने राज्यपाल के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि पूर्व शिक्षिका हमारे प्रदेश की राज्यपाल हैं। उन्होंने कार्यक्रम में राज्यपाल सुश्री उइके सहित कार्यक्रम में सम्मानित हो रहे सभी शिक्षकों और प्रदेश के सभी शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष शिक्षक दिवस 5 सितंबर को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन नहीं हो पाया था। आज आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्यपाल अनुसुईया उइके मुख्य अतिथि थी। कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान अनुसुईया उइके ने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल अनुसुईया उइके वर्ष 1982 से 1985 तक मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के शासकीय महाविद्यालय तामिया में अर्थशास्त्र की व्याख्याता रही हैं।

दीपक की तरह जलकर हमारी जिंदगी में उजाला भरते हैं शिक्षक : राज्यपाल

शिक्षक, केवल विभिन्न विषयों का ज्ञान ही नहीं देते बल्कि एक अच्छे नागरिक बनने के गुण भी अपने विद्यार्थियों में विकसित करते हैं। शिक्षक विद्यार्थी के अन्दर छुपी प्रतिभा की पहचान कर उन्हें निखारते हैं और जीवन जीने का सही तरीका सिखाते हैं। चरित्र निर्माण करने के साथ ही नैतिकता का बीजारोपण करते हैं। यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान-2020 समारोह में संबोधित करते हुए कही। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक हमारे मार्गदर्शक और हमारे व्यक्तित्व के निर्माता होते हैं। वे जलते हुए दीपक की तरह स्वयं जलकर, हमारी जिंदगियों में उजाला भरते हैं। वे न केवल हमें ज्ञान की रोशनी देते हैं बल्कि सच्चाई के मार्ग पर चलने का हौसला भी देते हैं, क्योंकि शिक्षक अपना पूरा जीवन, इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए समर्पित कर देते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब हम पर कोई भी विपदा आई है, शिक्षकों ने कभी हिम्मत नहीं हारी। पिछले डेढ़ वर्ष से पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा हैं, परंतु शिक्षकों ने इस नए मोर्चे पर भी ऑनलाइन शिक्षण के जरिए पूरी काबिलियत और मेहनत के साथ शिक्षा के मुहिम को जारी रखा। चाहे मोहल्ला क्लासरूम हो या पढ़ई तुंहर द्वार, ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों ने पूरे उत्साह और समर्पण के साथ शिक्षण की निरंतरता में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी।

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