CG News : दिल्ली भाषा उत्सव में इस जिले की शिक्षिका चर्चा में आई, छत्तीसगढ़ी भाषा तकनीक पर दी प्रस्तुति...

बेमेतरा- भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय ने जनपथ नई दिल्ली के डॉ. भीमराव अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (Dr. Bhimrao Ambedkar) में राष्ट्रीय स्तर 75 दिवसीय कहानी, भाषा उत्सव और भाषा प्रौद्योगिकी समागम का आयोजन किया। जिसमें बेमेतरा जिले की शासकीय प्राथमिक शाला जामगांव विकासखंड बेरला की शिक्षिका सावित्री साहू का चयन किया गया।
शिक्षिका सावित्री साहू (Savitri Sahu) ने नई दिल्ली में राज्य की ओर से अपना स्टाल लगाया। जिसके जरिए उन्होंने दिखाया कि, प्रारंभिक कक्षाओं में भाषा और तकनीक को खेल के माध्यम से क्लास में प्रयोग किया जा सकता है। सावित्री साहू के तकनीकी प्रौद्योगिकी पर किये जा रहे कार्य की सराहना देश और विदेश से आये शिक्षाविदों और भाषा शिक्षण के स्कॉलर ने की।

शिक्षिका सावित्री साहू ने क्या बताया...
शिक्षिका सावित्री साहू (Savitri Sahu) ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर सिर्फ छत्तीसगढ़ और असम राज्य को भाषा शिक्षण स्टाल के लिए आमंत्रित किया गया है। भारतीय भाषा के विकास के लिए कार्य करने वाली देश की महत्वपूर्ण नामी संस्थाओं जैसे मिनिस्ट्री ऑफ एडुकेशन, भारत सरकार के अधीन अनुवादिनी, आईसेक्ट, भारतीय भाषा पुस्तकें, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यायल, भारतीय भाषा संस्थान सीआईआईएल, केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान, वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग सीएसटीटी, विश्विद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएससी, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एनसीईआरटी द्वारा अपना स्टाल लगाया।
खेल-खेल में कैसे सीखें भाषा...
बच्चों को खेलने और मोबाइल देखने में सबसे अच्छी रुचि होती है। सावित्री साहू ने उनकी रुचि को ध्यान में रखकर पाठ्य वस्तु को खेल-खेल में हल कर सके और भाषा सीख सके, इसलिये भाषा तकनीक की सहायता लेकर छोटी- छोटी वीडियो डॉउनलोड कर कक्षा में स्क्रीन की मदद से दिखाया जा सकता है। छोटी -छोटी कहानी, प्रसंग नाटक अभिनय के इस्तेमाल से भाषा सिखाने में बहुत मदद मिलती है। बच्चे कक्षा में पाठ्य सामग्री को आसानी से सीख पाते हैं।
स्थानीय भाषा में होगी पांचवी तक पढ़ाई...
सावित्री साहू ने कहा कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने पहले ही कहा था कि, सकारात्मक सोच के लिए पांचवी तक की शिक्षा प्रदेश में अब स्थानीय भाषा में ही होगी। उन्होंने स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने की घोषणा के अनुरूप प्रदेश के आला अधिकारियों और शिक्षकों की तरफ से के प्रोत्साहन किया है। जिससे शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा में स्थानीय भाषा पर आधुनिक तकनीक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप अब हमारे कार्यों की प्रशंसा देश-विदेश में होने लगी है।
छत्तीसगढ़ संस्कृति की दी गई प्रस्तुति...
शिक्षण में तकनीकी प्रौद्योगिकी उपयोग के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की सुंदर संस्कृति की भी प्रस्तुति की। शिक्षिका सावित्री साहू बताया कि, राष्ट्रीय स्तर पर इतने बड़े मंच पर भाषा शिक्षण की और नई तकनीक को हम सब समझ चुके है। इसका लाभ आने वाले समय में अपने जिले के साथ-साथ राज्य के शिक्षकों को भी मिलेगा। अपनी इस बहुत बड़ी उपलब्धि के लिए शिक्षिका सावित्री साहू ने छत्तीसगढ़ शासन शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.आलोक शुक्ला, समग्र शिक्षा के एमडी इफ्फत आरा, सहायक संचालक डॉ.एम.सुधीश, राज्य एफ.एल.एन. प्रकोष्ठ भाषा टी.सी.जायसवाल, जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा, ए. पी. सी कमल नारायण शर्मा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी जय प्रकाश करमाकर, बीआरसीसी खोमलाल साहू, संकुल समन्वयक महेंद्र साहू अपने प्रधान पाठक ,सहकर्मी शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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