छत्तीसगढ़ या आंदोलनगढ़..? शिक्षक, आंगनबाड़ीकर्मी, स्व-सहायता समूह, पशुपालनकर्मी सभी हड़ताल पर, देखिए वीडियो

छत्तीसगढ़ की राजधानी इन दिनों आंदोलनों की धानी बन गई है। शिक्षकों का संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलित है, तो अल्प मानदेय में आजीविका चलाने वाली आंगनबाड़ीकर्मियों ने राजधानी रायपुर में डेरा जमा रखा है। इतना नहीं, रेडी टू ईट के काम से जुड़ी महिलाएं, पशु पालन विभाग के कर्मचारी आदि तमाम यहां प्रदर्शन कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर-
रायपुर। राजधानी की सड़कों पर इन दिनों बहुतायत में ग्रामीण क्षेत्रों (Villages) से आई भीड़ दिखेगी। वजह, कई संगठनों (Organisations) का हड़ताल (Strike) चल रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए तमाम गांव, कस्बा, शहर के लोग इन दिनों राजधानी (Capital) पहुंचे हैं।
सहायक शिक्षकों (Teachers) ने जहां अपना वेतन (Salary) संबंधी मांगों को लेकर तगड़ा प्रदर्शन जारी रखा है, तो वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi Workers) ने भी अपने नियमितीकरण (Permanent) समेत कई मांगों को लेकर हड़ताल को गति दे दी है। इधर, रेडी टू ईट (Ready to eat) को लेकर विधानसभा में कोई बात नहीं बनी, लिहाजा इस काम से जुड़े संगठन और महिलाएं भी आंदोलित ही हैं। जानकारी मिली है कि पशु पालन विभाग (Husbandry) में काम करने वाले कर्मचारी (Employees) भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं और राजधानी में धरना दे रहे हैं। छग पशुपालन विभाग में कार्य करने वाले प्राइवेट कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता गौसेवक मैत्री का रायपुर के बूढ़ा तालाब में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन का 12वां दिन है। कार्यकर्ताओं ने कल धरना स्थल पर सरकार की सद्बुद्धि के लिए हवन पूजा कराया। प्रदेश के प्रायः सभी जिले से आंदोलनकारी यहां पहुंचे हैं। जिला रायपुर के अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह राजपूत ने बताया कि एक निश्चित मासिक मानदेय और विभाग में सांविलियन मांग जब तक पूरी नहीं होगी, तब आंदोलनकारी पीछे नहीं हटेंगे। अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं आई है कि इन आंदोलनकारियों की मांगों पर सरकार (Government) का क्या कहना है? देखिए आंदोलन का एक वीडियो-
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