शिक्षक थोक में पॉजिटिव, नहीं बन सकी कमेटी, मूल्यांकन के लिए मांगा वक्त

शिक्षक थोक में पॉजिटिव, नहीं बन सकी कमेटी, मूल्यांकन के लिए मांगा वक्त
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5 मई तक गठित की जानी थी सात शिक्षकों की कमेटी, इसमें रखने होंगे दो बाहरी शिक्षक

रायपुर. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में बड़ी संख्या में स्कूली शिक्षक भी आ गए हैं। इसका सीधा असर मूल्यांकन कार्य पर भी दिखने लगा है। सीबीएसई द्वारा 10वीं की परीक्षाएं रद्द किए जाने के साथ ही घोषणा की गई थी कि छात्रों के परीक्षा परिणाम उनके आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के आधार पर तैयार किए जाएंगे। बोर्ड से संबंद्ध सभी स्कूलों से कहा गया था कि वे इसके लिए 5 मई तक एक कमेटी का गठन कर लें।

इस कमेटी द्वारा छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन कर नतीजे सीबीएसई को दिए जाने हैं। इसके पश्चात बोर्ड द्वारा 20 जून को दसवीं के रिजल्ट जारी किए जाएंगे। अब स्कूलों ने सीबीएसई से 10वीं की बोर्ड परीक्षार्थियों के अंक भेजने की समय सारणी की समीक्षा करने की मांग की है। स्कूलों का कहना है कि उनके कई शिक्षक कोरोना की चपेट में हैं। इसके चलते मूल्यांकन संबंधित कार्यों में विलंब हो रहा है। परिस्थितियों को देखते हुए स्कूलों ने मांग की गई है कि आंतरिक मूल्यांकन के परिणाम तैयार करने उन्हें और अधिक वक्त दिया जाए।

कमेटी ही गठित नहीं

सीबीएसई द्वारा जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक, कमेटी में सात शिक्षक होंगे। इसमें पांच शिक्षक स्कूल के ही होंगे, जो अलग-अलग विषय के विशेषज्ञ होंगे। जबकि दो शिक्षक बाहर से होंगे। शिक्षकों के कोरोना संक्रमित होने और बाहरी शिक्षक के प्रावधान के कारण कुछ स्कूलों में अब तक कमेटी ही गठित नहीं की जा सकी है।

15 तक भेजने हैं अंक

कमेटी द्वारा प्रायोगिक परीक्षाओं के अंक 15 मई तक सीबीएसई को भेजे जाने हैं। वहीं असेसमेंटर, प्री बोर्ड आदि के आधार पर थ्योरी के अंकों का निर्धारण कर 11 जून तक सीबीएसई को परिणाम सौंपने कहा गया है। इन दोनों ही तिथियों में रियायत की मांग की गई है। ना केवल छत्तीसगढ़ बल्कि दूसरे प्रदेशों में भी इस तरह की स्थिति है। दूसरे राज्यों के स्कूलों द्वारा भी सीबीएसई को इस संदर्भ में खत लिखा गया है।

आधे स्कूलों ने ही भेजा

अब तक आधे स्कूल ही अंक भेज सके हैं। परिस्थितियों को देखते हुए इसकी तारीखों में इजाफा किया जाना चाहिए।

- राजीव गुप्ता, सचिव प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

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