अंधविश्वास की जकड़ में शिक्षा का मंदिर : दो साल में 5 शिक्षकों की मौत, स्कूल में लटका ताला

रविकांत सिंह राजपूत/मनेन्द्रगढ़। इक्कसवीं सदी में भी ग्रामीण अंचलों में किस कदर अंधविश्वास हावी है। इसकी एक बानगी छत्तीसगढ़ के नए जिले मनेन्द्रगढ़—चिरमिरी—भरतपुर के खड़गवां ब्लाक के सावला ग्राम पंचायत के बसेलपुर में संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में देखने को मिलती है। शिक्षा के मंदिर को अंधविश्वास ने इस कदर जकड़ रखा है कि स्कूल में ताला लटका नजर आ रहा है। 2 साल में 5 स्कूल स्टाफ की मौत के बाद यहां के ग्रामीणों में ये भ्रांतियां फैल गई है कि स्कूल में भूत-प्रेत का साया है। स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक श्यामबिहारी की हाल ही में 11 अप्रैल को मौत होने और दूसरी शिक्षिका मोनिता वर्मा के अवकाश पर होने के बाद स्कूल बंद पड़ा है। ग्रामीण जनप्रतिनिधि कहते हैं स्कूल में भूत का साया है। स्कूल के चपरासी भी स्वीकारते हैं कि स्कूल में भूत प्रेत जैसा कुछ है। इसलिए यहां आने वाले शिक्षक मौत के काल में समा जाते हैं, लेकिन ऐसे में बड़ा सवाल यही उठता है कि जिस शिक्षा से अंधविश्वास दूर होता है, उस शिक्षा के मंदिर को ही अंधविश्वास ने अपने कब्जे में ले लिया है और नतीजा यही है कि स्कूल में ताला लटक रहा है। ऐसे में जब बच्चे पढ़ेंगे ही नहीं तो अंधविश्वास दूर कैसे होगा।
खड़गवां ब्लाक के सावला गांव के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसेलपुर में बीते 2 साल में 5 स्कूल स्टाफ मौत के काल में समा गए। इसी माह की 11 तारीख को यहां पांचवी मौत विद्यालय के शिक्षक श्यामबिहारी की हाथ-पैर में अचानक दर्द उठने के बाद मौत हो गई। इसके पहले यहां पदस्थ शिक्षक वीरेंद्र सिंह की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। चंद्रप्रकाश पैकरा अचानक घर में बैठे-बैठे खत्म हो गए। स्कूल से रिटायर होने के बाद प्रधान पाठक धरम साय की भी आकस्मिक मौत हो गई। एक और शिक्षक की ऐसे ही आकस्मिक मौत हो गई। इन मौतों ने गांव वालों को अंधविश्वास की ओर झोंक दिया। 2 साल में 5 मौत होने के बाद ग्रामीण कहते हैं स्कूल में भूत प्रेत का साया है।

खत्म करेंगे अंधविश्वास का अंधियारा
बीईओ जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि, 2 साल में 5 शिक्षकों की मौत के बाद इस स्कूल को लेकर ऐसी बतिया फैली है। शिक्षिका के अवकाश पर होने से स्कूल बंद था। कल स्कूल खुलेगा शिक्षा के उजियारे से अंधविश्वास का अंधियारा खत्म करेंगे।
जागरूक करने की कोशिश
शिक्षिका मोनिता वर्मा ने कहा कि, इस स्कूल में वर्तमान में मैं अकेले पटस्थ हूँ। अप्रैल में शिक्षक श्यामबिहारी सर का देहांत हो गया था। मैं अवकाश पर थी। इस कारण स्कूल बंद था। हम गांव के लोगों में फैले अंधविश्वास को दूर करने के लिए ही लोगों को शिक्षा के माध्यम से जागरूक कर रहे हैं।
स्कूल में भूतों का साया
स्कूल का चारासी राजेश ने कहा कि, स्कूल में जरूर भूतों का साया ही होगा तभी ऐसा हो रहा है। मैं यहां पिछले 12 साल से पदस्य हूं। 2 साल से ही ऐसा माहौल है। पहले बच्चे आते थे, पढ़ते थे, लेकिन 5 मौत के बाद यहां ऐसी स्थिति आ गई है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS