मतगणना के दिन हंगामा : खैरागढ़ जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह सहित दस नेताओं को हाइकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

खैरागढ़। छत्तीसगढ़ में पालिका चुनाव के दौरान खैरागढ़ नगर पालिका में भाजपाइयों पर मतगणना स्थल पर हंगामा और तोड़फोड़ का आरोप है। इस वाकये के बाद दस से अधिक धाराओं में फंसे जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह सहित दस आरोपियों को उच्च न्यायालय बिलासपुर से मंगलवार को अग्रिम जमानत मिल गई है। मामले में पुलिस ने विक्रांत सिंह सहित दस आरोपियों को फरार घोषित कर दिया था। 23 दिसंबर को हुई घटना के बाद पुलिस ने तहसीलदार और उपनिर्वाचन अधिकारी की शिकायत पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, शहर मंडल अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, पार्षद प्रत्याशी प्रफुल्ल ताम्रकार, कैलाश नागरें, युवा नेता आयश सिंह, किशोर सिंह, सोहन साहू, अंकित अग्रवाल, नरहर सिंह, देवा साहू, अभिषेक सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर गैर जमानती धाराएँ लगाई थीं। इनके खिलाफ मतगणना स्थल पर गाली गलौच, हंगामा, तोड़फोड़, शासकीय कार्य में बाधा सहित अन्य मामलों में कार्यवाही की गई है। घटना के बाद से इन सभी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। कुछ दिनों तक सभी नेता भूमिगत हो गए थे। पुलिस ने भी गिरफ्तारी छोड़कर जिपं उपाध्यक्ष सिंह सहित बाकी आरोपियों के खिलाफ मामला न्यायालय में 2 फरवरी को पेश किया था, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ स्थाई वारंट जारी किया गया था। अधिवक्ता एवं जिपं सभापति घम्मन साहू ने पुलिस पर दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अग्रिम जमानत याचिका रोकने पुलिस ने पूरा प्रयास किया। इसके चलते ही पुलिस डायरी पेश करने से कतराती रही। उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने आखिरकार डायरी पेश की। जिसमें सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह सहित सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। देखिये वीडियो :
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