NMDC और CG FOREST में तनातनी जारी : वन विभाग खुद जारी कर रहा है हर ट्रक, रैक का TP जटिल प्रक्रिया में लौह अयस्क परिवहन बुरी तरह प्रभावित

NMDC और CG FOREST में तनातनी जारी : वन विभाग खुद जारी कर रहा है हर ट्रक, रैक का TP जटिल प्रक्रिया में लौह अयस्क परिवहन बुरी तरह प्रभावित
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अब वन विभाग प्रति रेल रैक और ट्रक को स्वयं टीपी जारी कर रही है। इससे दिनभर में बमुश्किल रेल रैक की 3 से 4 टीपी ही जारी हो पा रही है। जिसके चलते परिवहन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। पढ़िए पूरी खबर...

पंकज भदौरिया- दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के बैलाडीला और बचेली में एनएमडीसी और वन विभाग के बीच चल रही तनातनी खत्म हाने का नाम नहीं ले रही है। 144 करोड़ के भुगतान के चक्कर में अब तक एनएमडीसी को उससे ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि, लौह अयस्क खदानों से वन विभाग दंतेवाड़ा ने 144 करोड़ के बकाया ट्रांजिट शुल्क नहीं पटाने पर बड़ी कार्रवाई करते हुए अयस्क भरकर विशाखापटनम जाने वाली मालगाड़ी और सड़क मार्ग से लोहा गिट्टी भरकर जाने वाली हजारों गाड़ियों के माल डिस्पेच पर रोक लगा दी और टीपी जारी करना बंद कर दिया। जिसके बाद एनएमडीसी ने वन विभाग की लगाई रोक के विरुद्ध जाकर हाईकोर्ट से स्टे लिया और परिवहन शुरू कर दिया। लेकिन वन विभाग ने एनएमडीसी परियोजना से परिवहन पास जारी करने के सारे अधिकार छीनकर स्वयं रैक और प्रति ट्रक टीपी जारी करना शुरू कर दिया है। जिसके चलते एनएमडीसी की लौह अयस्क परिवहन पहले की तुलना में एक चौथाई ही रह गया है।

खुद टीपी जारी कर रहा वन विभाग, जटिल प्रक्रिया के चलते परिवहन बुरी तरह प्रभावित

दरअसल पहले वन विभाग ने एनएमडीसी परियोजना को एकमुश्त टीपी बुक जारी कर दिया जाता था। जिससे एनएमडीसी स्वयं रेलवे रैक और ट्रकों की टीपी काटकर परिवहन कर रही थी। जिसका मिलान एक साथ वन विभाग और एनएमडीसी दोनों ही करते थे। मगर अब वन विभाग प्रति रेल रैक और ट्रक को स्वयं टीपी जारी कर रही है। इससे दिनभर में बमुश्किल रेल रैक की 3 से 4 टीपी ही जारी हो पा रही है। जिसके चलते परिवहन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। बुधवार को वन विभाग ने 3 रेल रैक की टीपी जारी की तो वहीं आज दोपहर तक महज 2 ही रेल की रैक की टीपी जारी हो सकी। वहीं 40 ट्रकों को लोडिंग के लिए प्लांट में लगाया गया था लेकिन टीपी की प्रक्रिया में जटिलता होने की वजह से गाड़िया प्लांट में ही खड़ी थीं।

आर्सेनल मित्तल पर भी परिवहन शुल्क की होंगी अड़चने

मिली जानकारी के अनुसार, एनएमडीसी और फारेस्ट के बीच उठे इस विवाद के बाद वन विभाग किरंदुल से विशाखा पटनम पानी पाइप लाइन से लौह अयस्क पहुँचाने वाली कंपनी आर्सेनल मित्तल पर भी परिवहन शुल्क की अड़चनें खड़ी कर सकती है। आपको बता दें कि पानी पाइप लाइन से भी 3 शिफ्ट में प्रतिदिन प्रति शिफ्ट 3800 टन लौह अयस्क जाता है। मतलब दिनभर में लगभग साढ़े 11टन लोह अयस्क पानी पाइप लाइन के माध्यम से परिवहन होता है। जिन्हें पहले वन विभाग की टीपी एनएमडीसी के मार्फ़त मिलती थी। उसे अब आर्सेलर मित्तल कंपनी के कर्मियों को स्वयं वन विभाग से जटिल प्रक्रियाओं से गुजकर लेना होगा।

मामला सुलझाने में जुटे अधिकारी

एनएमडीसी और वन विभाग के बीच उठे 144 करोड़ रुपये के इस पुराने विवाद को सुलझाने में एनएमडीसी के अधिकारी लगातार वन विभाग के आला अफसरों से वार्ता कर सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि इस जटिल प्रक्रिया से एनएमडीसी को लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है। साथ ही एनएमडीसी के कार्य प्रभावित होने से राज्य-केंद्र सरकार दोनों के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।






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