इंद्रावती नदी में आज तक नहीं बन सका पुल : ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी,15 गांव अब भी टापू, नाव के सहारे कट रही जिंदगी

इंद्रावती नदी में आज तक नहीं बन सका पुल : ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी,15 गांव अब भी टापू, नाव के सहारे कट रही जिंदगी
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15 गांवों आज तक ना तो पक्की सड़क बनी है और ना ही इन्द्रावती नदी पर पुल । एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए लोगों के पास केवल नाव ही सहारा है, और वो नाव है। बिन्ता-सतसपुर से धर्माबेड़ा अब तक लोगों को नाव से आजादी नहीं मिली है। पढ़िए पूरी खबर ...

जगदलपुर | बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के नक्सल प्रभावित 15 गांवों आज तक ना तो पक्की सड़क बनी है और ना ही इन्द्रावती नदी पर पुल । एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए लोगों के पास केवल नाव ही सहारा है, और वो नाव है। बिन्ता-सतसपुर से धर्माबेड़ा अब तक लोगों को नाव से आजादी नहीं मिली है, गांव तक जाने के लिए एक पुल तक नहीं बना है। आज भी 15 गांव के 11443 ग्रामीणों की जिंदगी नाव के सहारे ही चल रही है। धर्माबेड़ा, बिंता, सतसपुर, भेजा, ककनार, पालम, कुदूर, चंदेला, इमलीधर आदि गांव के ग्रामीणों ने बताया कि इन्द्रावती नदी में पुल बनने से राहत मिलेगी।

24.26 करोड़ की लागत बन रहा पुल

लोक निर्माण विभाग के सेतु निर्माण की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बिन्ता- सतसपुर से धर्माबड़ा में इन्द्रावती नदी पर उच्चस्तरी निर्माण कार्य का टेंडर एक वर्ष पूर्व हुआ। यह क्षेत्र सर्वाधिक नक्सल प्रभावित होने के चलते ठेकेदार ने पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया, पर सुरक्षा बलों के सहयोग से अब पुल का निर्माण कार्य शुरू किया। सेतु निर्माण के एसडीओ श्रीनिवास कोराम ने बताया कि 24.26 करोड़ रूपए की लागत से पुल का निर्माण कार्य शुरू किया, जो अगले बारिश से पूर्व पूर्ण होने की संभावना है।

बीमार ग्रामीणों को होती है परेशानी

गांव भेजा, इमलीधर निवासी पांडू एवं बुधराम ने बताया कि, गांव में लोगों ब्लॉक मुख्यालय जाने के लिए नाव से जाना-आन पड़ रहा है। बारिश के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ता नहीं पहुंचते हैं, जिससे बीमार ग्रामीणों परेशानी बढ़ जाती है।

तय समय में पूरा करें

सेतु निर्माण जगदलपुर संभाग के कार्यपालन अभियंता श्रीमती प्रज्ञा नंद ने इस संबंध में ठेकेदार को निर्देश दिया कि वे तय समय में पुल निर्माण पूरा करें, अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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