हरिभूमि की मुहिम रंग लाई, अब भोपाल नहीं, रायपुर में निराकृत होंगे छत्तीसगढ़ के पेंशन प्रकरण

रायपुर. आखिर छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 20 वर्षों के बाद मप्र पर निर्भरता अब खत्म होने जा रही है। नए वित्तीय माह अप्रैल से सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल रायपुर में पूर्ण रूप से कार्य प्रारंभ कर राज्य के पेंशनरों को राहत प्रदान करेगा। हरिभूमि ने पेंशनरों के हित के मामले को लगातार उठाया और अब इसका लाभ उन्हें राजधानी रायपुर में ही मिलने लगेगा। एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक ने संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन को लिखे पत्र में बताया कि प्रशासनिक भवन स्टेट बैंक रायपुर में पेंशन सेल खोले जाने नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। यह सेल राज्य में फेसिलेटर के रूप में कार्य करेगा। पीपीओ जारी करने वाली अथॉरिटी, पेंशन भुगतान करने वाली बैंक शाखा और सीपीपीसी भोपाल के बीच समन्वय स्थापित कर पेंशन प्रकरणों का त्वरित निपटारा करने का कार्य करेगा।
गोविंदपुरा, भोपाल जाते हैं प्रकरण
उल्लेखनीय है कि संयुक्त संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन से पेंशन पेमेंट आर्डर (पीपीओ) जारी होने के बाद जिला कोषालय अधिकारी द्वारा उसे बैंकों से भुगतान के पूर्व अंतिम जांच के लिए बैंक के माध्यम से हितग्राही को पेंशन भुगतान करने गोविंदपुरा भोपाल स्टेट बैंक को भेजा जाता है। भोपाल स्थित इस नोडल बैंक में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों के पेंशन प्रकरणों की जांच होती थी। जहां लंबी प्रक्रिया, आपत्ति के निराकरण में देर और कार्य की अधिकता से प्रकरण के निराकरण में विलंब होता था।
स्टाफ की नियुक्ति पूरी, अप्रैल से कामकाज
सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल की स्थापना को लेकर एसबीआई के एजीएम शादाब सिद्धिकी ने कहा कि आदेश जारी होने के बाद अन्य स्टाफ की नियुक्ति शेष थी, जिसे पूरा करने के बाद यह सेल रायपुर में अप्रैल माह से काम शुरू कर देगा। नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जा चुकी है। अब छत्तीसगढ़ राज्य के पेंशन प्रकरण यहां से ही निराकृत किए जाएंगे।
अब पेंशन प्रकरण भेजने से राेका जाए
भारतीय पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव ने सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल की रायपुर में स्थापना की लंबे समय की जा रही मांग के पूर्ण होने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यहां पर सेल खुल रहा है तो अब पेंशन प्रकरणों को भोपाल भेजने पर रोक लगाई जाए। अब भी पेंशन प्रकरण भेजे जा रहे हैं, उन्हें रोका जाए। अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि सेल शुरू करने कर्मचारियों ने दबाव बनाया, इसलिए अब इस सुविधा के प्रदेश में होने से हमारी मांग पूरी होने जा रही है।
निराकरण अटका कई प्रकरण लंबित
पेंशन के कई प्रकरणों में अनावश्यक आपत्ति लगाकर पेंशनर को परेशान करने के कारण सेवानिवृत्त कर्मचारी को 2 वर्ष से अधिक समय तक पेंशन भुगतान से वंचित रहना पड़ता था। आज भी सैकड़ों प्रकरण आपत्ति निराकरण के अभाव में 6 महीने से अधिक समय से भोपाल में बिना किसी उचित कारण के लंबित पड़े हुए हैं।
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