देखिए वीडियो : लागुड़ दादा अमर रहे... के जयकारों से गूंज उठा सामरी, अंग्रेजों से लोहा लेने वाले जांबाज का 109 साल बाद हुआ अंतिम संस्कार

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जिले में सौ साल से भी अधिक लंबे इंतजार के बाद जो हो पाया वह इतिहास के पन्नों में शुमार हो गया. ब्रिटिश काल के दौरान अंग्रेजों से लोहा लेने वाले लागुड़ नगेसिया का अंतिम संस्कार आज 109 सालों के बाद संपन्न हुआ.आज का दिन इतिहास के पन्नों में लागुड़ नगेशिया के अंतिम संस्कार के लिए सुमार हुआ. इस मौके पर संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज के साथ-साथ नगेशिया समुदाय का एक बड़ा जनसमूह मौजूद रहा.

बलरामपुर. जिले में सौ साल से भी अधिक लंबे इंतजार के बाद जो हो पाया वह इतिहास के पन्नों में शुमार हो गया. ब्रिटिश काल के दौरान अंग्रेजों से लोहा लेने वाले लागुड़ नगेसिया का अंतिम संस्कार आज 109 सालों के बाद संपन्न हुआ.आज का दिन इतिहास के पन्नों में लागुड़ नगेशिया के अंतिम संस्कार के लिए सुमार हुआ. इस मौके पर संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज के साथ-साथ नगेशिया समुदाय का एक बड़ा जनसमूह मौजूद रहा.

ब्रिटिश काल के दौरान अंग्रेजी हुकूमत से लड़ने वाले बलरामपुर जिले के सामरी क्षेत्र के निवासी लागुड़ नगेशिया की अस्थियां पिछले 109 वर्षों से अंतिम संस्कार की राह जोह रही थी. वर्षों से कंकाल रखे जाने से उसकी स्थिति भी ठीक नहीं थी. बता दें कि 1913 में लागुड़ शहीद हो गए थे समय-समय पर इनके अस्थियों को वापस किए जाने की मांग भी की गई. जो 109 सालों बाद संभव हो पाया. संसदीय सचिव व सामरी विधायक चिंतामणि महाराज ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात करके लागुड़ की अस्थियों को नगेसिया समाज के सुपुर्द कराया और आज उनका अंतिम संस्कार संपन्न हो पाया.

सामरी में हो रहे इस अंतिम संस्कार में समुदाय का एक बड़ा वर्ग समूह मौजूद था. अस्थि विसर्जन करने के लिए जन भावनाओं को देखते हुए शहीद लागुड़ की विधिवत अस्थि विसर्जन की गई. बताया जाता है कि ब्रिटिश काल में जब लागुड़ ने अंग्रेजों का विरोध करना शुरू किया. आवाज उन्होंने उठाई तो ब्रिटिश आर्मी ने पकड़कर उन्हें गर्म तेल में डाल दिया था और इस वजह से उनकी मौत हो गई थी. यही नहीं अंग्रेजों ने अपने हुकूमत के दौरान उनकी अस्थियां भी अंग्रेजी विद्यालय में कैद करके रखा हुआ था. लागुड़ के अंतिम संस्कार होने से समाज के लोगों ने खुशी जाहिर की वहीं उन्होंने लागुड़ नगेसिया को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की है.

वही इस मौके पर मौजूद छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने बताया कि लागुड़ की अस्थियों को स्कूल से बाहर निकलवाने में अथक प्रयास करना पड़ा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात करके उन्होंने समाज के पक्ष में समाज के हित में यह काम किया है. उन्होंने भरोसा दिया है कि लागू को शहीद का दर्जा दिलाया जाएगा.

लागुड़ के अंतिम संस्कार होने की खबर सुनते ही भाजपा के कद्दावर नेता नंदकुमार साय भी इस दौरान सामरी पहुंचे उन्होंने भी अंतिम संस्कार में शिरकत करने के बाद कहा कि सभी एकजुट होकर लागुड़ को शहीद का दर्जा दिलाये जाने का पूरा प्रयास करेंगे.




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