मीडिया के सामने गरजीं जनपद अध्यक्ष : आदिवासी हूं... इसलिए विधायक और अधिकारी करते हैं उपेक्षा, मेरा ही नहीं, पद का भी नहीं करते सम्मान

मीडिया के सामने गरजीं जनपद अध्यक्ष : आदिवासी हूं... इसलिए विधायक और अधिकारी करते हैं उपेक्षा, मेरा ही नहीं, पद का भी नहीं करते सम्मान
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आदिवासी महिला होने पर मैं उपेक्षा की शिकार हो रही हूं। विधायक और अधिकारी सार्वजनिक कार्यक्रम में निरंतर मेरी उपेक्षा कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर.....

रविकांत सिंह राजपूत-चिरमिरी -खड़गवां। खड़गवां जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती सोनमती उर्रे ने प्रेस वार्ता कर उनकी निरंतर हो रही उपेक्षा को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आदिवासी महिला होने पर उपेक्षा की शिकार हो रही हैं। विधायक और अधिकारी सार्वजनिक कार्यक्रम में निरंतर मेरी उपेक्षा कर रहे हैं।

दरअसल, जनपद अध्यक्ष ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, कोरबा लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ विनय जायसवाल ने कोडंगी में पुल निर्माण का भूमिपूजन करवाया। इस दौरान मुझे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने आमंत्रित करना उचित नहीं समझा। जब मैं स्वयं कार्यक्रम में पहुंची और जमीन पर बैठ गई तब वहां नेताओं और अधिकारियों में हड़बड़ी मच गई। जिसके बाद मुझे मंच पर बैठाया गया इस दौरान मैंने माइक लेकर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी महिला होने का खामियाजा मुझे उठाना पड़ रहा है। निरंतर अधिकारियों और यहां के कांग्रेसी नेता मुझे अनदेखी करते हैं। मैं आज अपनी पहचान की मोहताज नहीं हूं लेकिन मेरी पद की जो पहचान है कम से कम उसका सम्मान होना चाहिए।

मुझे किसी प्रकार की जानकारी दी नहीं जाती- सोनमती उर्रे

बता दें कि ग्राम पंचायत कोडांगी के पास एक पुल के उद्घाटन के लिए मंच पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, कोरबा संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, मनेंद्रगढ़ विधानसभा के विधायक डॉ विनय जायसवाल, चिरमिरी नगर पालिक निगम की महापौर श्रीमती कंचन जायसवाल, नगर पालिका निगम की सभापति श्रीमती गायत्री बिरहा के साथ कई ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव और अन्य कई प्रशासनिक अधिकारी के बीच जनपद पंचायत खड़गवां की अध्यक्ष पहुंची। जहां एक तरफ उनके क्षेत्र में पुल के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित न किए जाने का दुख रहा, वहीं दूसरी ओर द्वेषपूर्ण भावनाओं को लेकर जनपद अध्यक्ष ने मंच से पूरे भड़ास के साथ कहा कि मुझे किसी प्रकार की जानकारी दी नहीं जाती। अभी चुनाव होने में 8 महीना बाकि है और मैं एक आदिवासी महिला हूं। मैं जिधर रहूंगी अपने आदिवासी समाज के साथ रहूंगी।

कांग्रेस सरकार में ही इस तरह का अपमान किया जा रहा है- जनपद अध्यक्ष

अध्यक्ष श्रीमती सोनमती ने कहा कि मैं एक आदिवासी महिला हूं। बार-बार मेरा तिरस्कार किया जाता है, कम से कम मेरे पद का सम्मान होना चाहिए। आज मैं जिस पद पर हूं उस पद की गरिमा है, लेकिन भाजपा की समर्थित अध्यक्ष होने के कारण हर बार मुझे उपेक्षित किया जाता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी अन्य कई कार्यक्रमों में इस प्रकार की उपेक्षा की जाती रही है। जबकि इससे पूर्व भाजपा के शासन काल में भी कांग्रेस समर्थित जनपद जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हैं जिनकी कभी भी उपेक्षा नहीं की गई। कांग्रेस सरकार में ही इस तरह का कार्य किया जा रहा है। भाजपा शासन के कार्यों को ही केवल पूर्ण करने का काम कांग्रेस कर रही है, कोई नया काम इस क्षेत्र में कांग्रेस नहीं कर पाई है। हो सकता है कि इस वजह से ही ये मुझे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बुलाना उचित नहीं समझते हैं।

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