मां कौशल्या के राज्य में रामधुन की गूंज, सरकार करेगी धनवर्षा, खर्च होंगे 10 करोड़

रायपुर. मां कौशल्या के राज्य छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ के बाद भूपेश सरकार एक बार फिर रामधुन में रंगेगी। प्रदेश की 12 हजार ग्राम पंचायतों की रामायण मंडलियों में प्रतियोगिता शुरू होकर ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर पंहुचेगी और हर किसी को पुरस्कार मिलेंगे। इस योजना पर 9 करोड़ 88 लाख रुपए खर्च होंगे। खास बात ये है कि प्रोत्साहन राशि का भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से होगा।
राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इससे पहले राम वनगमन पथ योजना पर एक बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया है। पहले चरण में 137 करोड़ रुपए के कार्य चल रहे हैं। वहीं अब इस भावना को लेकर गांव-गांव में सरकार पहुंचेगी। शुरुआत होगी ग्राम पंचायत स्तर पर, जहां 12 हजार ग्राम पंचायतों में रामायण प्रतियोगिता के बाद पुरस्कार बांटे जाएंगे। ग्राम पंचायत स्तर पर प्रथम आने वाली मंडली को 5 हजार रुपए के हिसाब से 6 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। ब्लॉक स्तर पर प्रथम आने वाली 146 मंडलियों को 10 हजार रुपए तथा जिला स्तर पर 28 मंडलियों को 50 हजार के अलावा राज्य स्तर पर भी पुरस्कार दिए जाएंगे।
राज्य सरकार ने तय किया है कि राज्य स्तर पर प्रथम आने वाली मंडली को 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। दूसरे स्थान पर 3 लाख और तीसरा स्थान हासिल करने वाली मंडली को 2 लाख रुपए दिए जाएंगे। यही नहीं, प्रत्येक रामायण मंडली को वाद्य यंत्र खरीदने के लिए भी राशि दी जाएगी। कुल मिलाकर वाद्ययंत्र देने के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सरकार ने राज्य की कला एवं सांस्कृतिक परंपरा के अंतर्गत छत्तीसगढ़ अंचल की रामायण मंडलियों के कलाकारों को संरक्षण, संवर्धन एवं कला दलों के सतत विकास के लिए रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना- 2021 तैयार कर इसके लिए नियम बनाए हैं।
चिन्हारी पोर्टल में पंजीकृत होना जरूरी
सरकार ने यह नियम भी रखा है कि जो मंडली इस प्रतियोगिता में शामिल होना चाहती है, उन्हें संस्कृति विभाग के चिन्हारी पोर्टल में पंजीकृत होना आवश्यक है। प्रदेश में 7 हजार मंडलियां चिन्हारी पोर्टल में पंजीकृत हैं, इन्हीं पंजीकृत मंडलियों को वाद्ययंत्र खरीदने के लिए साल में एक बार प्रोत्साहन राशि के रूप में पांच हजार रुपए दिए जाएंगे, लेकिन इसके बाद अगले दो साल तक ऐसी मंडलियां राशि पाने के लिए अपात्र होंगी। यह आवश्यक है कि मंडली के कलाकार छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हों, वे छत्तीसगढ़ की लोक परंपरा पर आधारित विधा में सक्रिय हों।
हर स्तर के लिए अलग निर्णायक मंडल
रामायण मंडलियों के चयन के लिए होने वाली प्रतियोगिता के लिए हर स्तर पर निर्णायक मंडल बनाया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच या सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यों का निर्णायक मंडल होगा, इसमें एक सदस्य लोककला से संबंधित होगा। ब्लॉक स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यों का निर्णायक मंडल, इसमें भी एक सदस्य लोककला से संबंधित, जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल, इसमें भी लोककला से संबंधित एक सदस्य, राज्य स्तर पर पांच सदस्यों का निर्णायक मंडल होगा, इसमें संस्कृति विभाग के आयुक्त, संचालक अध्यक्ष होंगे। संचालनालय स्तर पर अध्यक्ष द्वारा नामांकित सदस्य शासकीय सदस्य के रूप में होगा। खैरागढ़ कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति या उनके द्वारा नामांकित अशासकीय सदस्य व दूरदर्शन या आकाशवाणी के जे ग्रेड के सदस्य या कलाकार अशासकीय सदस्य होंगे।
प्रतियोगिता से तय होंगे पुरस्कार
ग्राम पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक रामायण मंडलियों को पुरस्कार बांटने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर प्रतियोगिता में पहला स्थान पाने वाली चयनित मंडली का नाम ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता के लिए जनपद पंचायत को प्रस्तुत किया जाएगा। ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त करने वाली मंडली का नाम एसडीएम या सीईओ द्वारा जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए भेजा जाएगा। जिला स्तर पर पहला स्थान पाकर चुनी गई मंडली का नाम कलेक्टर द्वारा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए संस्कृति विभाग को भेजा जाएगा।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS