बहकाकर किशोरी को भगा ले जाना पड़ा महंगा : कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, जज ने की टिप्पणी- 'यौन हिंसा नारी की पवित्रता के अधिकार का उल्लंघन'

बिलासपुर। बिलासपुर जिला न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दुष्कर्मी को 20 साल की सजा सुनाई है। दुष्कर्मी ने एक किशोरी लड़की को पहले प्रेम जाल में फंसाया, फिर शादी का झांसा देकर घर से भगा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया था। कोर्ट ने बढ़ते रेप के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा है कि ऐसे अपराधों के प्रति नरम दृष्टिकोण नहीं रख सकते हैं। मामला बिल्हा थाना क्षेत्र में करीब 2 साल पुराना है।
आमापारा निवासी बीस वर्षीय महेश बघेल ने अपने परिचित दोस्त की किशोरी बेटी से दोस्ती की। फिर उसे अच्छे से अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। फिर युवक ने उसके साथ शादी करने का वादा भी किया। किशोरी भी उसकी बातों की जाल में फंस गई। 29 नवंबर 2019 को वह अपने साथ किशोरी को भगा कर गांव से कहीं और ले गया। किशोरी के गायब होने पर परिजन परेशान हो गए और अगले दिन ही थाने में अपहरण का केस दर्ज करा दिया।
आरोपी के पास ही मिली किशोरी, बनाया था शारीरिक संबंध
पुलिस ने अपहरण की आशंका से अपराध दर्ज कर जांच शुरू की और महेश को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से किशोरी भी बरामद हो गई। किशोरी से पूछताछ के बाद शारीरिक संबंध बनाने की बात का पता चला। जिस पर पुलिस ने दुष्कर्मी के खिलाफ धारा 363 के साथ ही 366, 376 व पाक्सो एक्ट जोड़ दिया। अदालत में चालान प्रस्तुत किया गया और ट्रायल में युवक को दोषी पाया गया। अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार तिवारी ने महेश को 20 साल कारावास की सजा सुनाई है। फैसला सुनाते हुए उन्होंने टिप्पणी की, किसी युवक के अपराधी होने के संबंध में कोई केस न हो, तो भी गंभीर प्रकृति के अपराध में उसके प्रति नरम दृष्टिकोण नहीं रखा जा सकता। यौन हिंसा अमानवीय कार्य के साथ ही किसी नारी जाति की पवित्रता के अधिकार का उल्लंघन भी है। ऐसी घटना उनके सर्वोच्च सम्मान पर गंभीर प्रहार करता है। नाबालिग के साथ इस तरह की घटना हो तो अपराध की गंभीरता और बढ़ जाती है।
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