आकाशीय बिजली का कहर: बारिश से बचने शिव मंदिर में मां-बेटी और युवक ने ली थी शरण, बिजली गिरने से तीनों की मौत

आकाशीय बिजली का कहर: बारिश से बचने शिव मंदिर में मां-बेटी और युवक ने ली थी शरण, बिजली गिरने से तीनों की मौत
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आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मां-बेटी समेत 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। तेज बारिश से बचने के लिए ये तीनों शिव मंदिर में भागकर आ गए थे.. क्या है मामला पढ़िए पूरी खबर.....

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मां-बेटी समेत 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। तेज बारिश से बचने के लिए ये तीनों शिव मंदिर में भागकर आ गए थे। यह घटना लैलूंगा से करीब 10 किलोमीटर दूर ग्राम केशला की बताई जा रही है। मामला लैलूंगा थाना क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के अनुसार, लैलूंगा में शुक्रवार शाम आकाशीय बिजली गिरने से मां-बेटी समेत 3 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद आसपास के गांव वालों ने तुरंत पुलिस को खबर की। गांव में खबर फैलते ही लोगों की भीड़ लग गई। लैलूंगा से लगभग 10 किलोमीटर दूर ग्राम केशला के रतनपुर मोहल्ले में रहने वाली 30 साल कमला सारथी अपनी मां 60 साल हुलासो बाई के साथ कल शाम करीब 5 बजे शिव मन्दिर के पास तालाब किनारे गई थी। कुछ देर में वहा बारिश शुरू हो गई। पानी से बचने के लिए मां-बेटी दोनों ने मंदिर के अन्दर चले गये। कमला और हुलासो बाई के साथ ही वहां गांव का ही 34 साल सुखीराम बंजारा भी बारिश से बचने के लिए मंदिर के दरवाजे पर खड़ा था। कुछ देर बाद बारिश खूब तेज हो गई। जिसके बाद मां-बेटी मंदिर के अंदर चली गईं, वहीं सुखीराम दरवाजे पर खड़ा रहा। इसी बीच गाज गिरी गई, तीनों इसकी चपेट में आ गए।


तीनों की लाश दरवाजे के पास की मिली

बारिश रुकने के बाद जब ग्रामीण मंदिर के अंदर गए, तो दरवाजे के पास की लाश मिली। मंदिर में एक साथ 3 लाश को देखकर गांववालों ने तुरंत इस घटना की सूचना पुलिस को दी। लैलूंगा पुलिस तुरंत पहुंच गई और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजवा दिया गया।


मंदिर का त्रिशूल भी टेढ़ा हुआ

मंदिर के त्रिशूल को भी टेढ़ा पाया। तीनों शव को लैलूंगा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। इसके बाद शवों को परिजनों के सौप दिया जाएगा। उपनिरीक्षक बलदेव सिंह पैकरा ने कहना है कि, बारिश के मौसम में अधिकतर लोग या तो पेड़ों के नीचे खड़े हो जाते हैं या फिर किसी ऐसे बिल्डिंग में चले जाते हैं, जिन पर विद्युत कुचालक रॉड नहीं लगी रहती और गाज की चपेट में आकर उनकी जान चली जाती है।



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