आज खुलेगा उदयपुर पैलेस का ताला, विभा सिंह के खिलाफ ग्रामीणों में जमकर आक्रोश

आज खुलेगा उदयपुर पैलेस का ताला, विभा सिंह के खिलाफ ग्रामीणों में जमकर आक्रोश
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मृत्यु के पहले भी उदयपुर से ही खैरागढ़ जाते वक्त उनका निधन हुआ था. निधन होने के पश्चात पारिवारिक विवाद के चलते उदयपुर पैलेस को सील कर दिया गया था. जो आज 30 दिसंबर को प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष खुलना तय हुआ है.

खैरागढ़(उदयपुर). 4 नवंबर दीपावली के दिन खैरागढ़ रियासत के राजा व दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह का हार्ट अटैक से निधन हो गया था. आपको बता दें कि खैरागढ़ रियासत के राजा व दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह उदयपुर में निवास करते थे. मृत्यु के पहले भी उदयपुर से ही खैरागढ़ जाते वक्त उनका निधन हुआ था. निधन होने के पश्चात पारिवारिक विवाद के चलते उदयपुर पैलेस को सील कर दिया गया था. जो आज 30 दिसंबर को प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष खुलना तय हुआ है. जब से खैरागढ़ रियासत के राजा देवव्रत सिंह का निधन हुआ है. तब से उदयपुर में पुलिस प्रशासन पहरा दे रही हैं. वह घर पूरी तरीके से बंद पड़ा है.

विभा सिंह के खिलाफ जमकर आक्रोश

दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह का 2017 में दूसरी विवाह विभा सिंह से हुआ था. विवाह के पश्चात लगभग 4 महीने रहने के बाद उदयपुर में रहना बंद कर दी थी. ग्रामीणों व क्षेत्रवासियों में उनका खासा पहचान नहीं है. देवव्रत सिंह के निधन के पश्चात जब से ऑडियो वायरल हुआ है. देवव्रत सिंह के पुत्र राजा आर्यव्रत सिंह पुत्री शताक्षी सिंह को विभा सिंह के द्वारा परेशान किया जा रहा है. ऐसा समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से पता चल रहा है, जिससे ग्रामीणों व ग्रामीण क्षेत्र में विभा सिंह के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.

जब दिवंगत विधायक उदयपुर में निवास कर रहे थे, तब उनकी मृत्यु के लगभग 1 साल पूर्व उदयपुर पैलेस के बाहर आकर दिवंगत विधायक से लड़ाई झगड़ा किए थे. तब से ग्रामीणों में विभा सिंह के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. उनकी मृत्यु के पश्चात भी ग्रामीणों में यह प्रश्न हमेशा रहता था कि विभा सिंह उदयपुर में क्यों नहीं रहती. अगर वह रहती गांव में देवव्रत सिंह अपने स्वास्थ्य के बारे में उनको बताते, पता चलने पर उनका इलाज हो पाता. इनके नहीं रहने की वजह से भी ग्रामीण बहुत आक्रोशित हैं. साथ ही साथ ऑडियो में जिस तरीके से पैसों की मांग, घर की मांग, गाड़ी की मांग तलाक व बहुत से ऐसे शब्द जिसको ग्रामीण नहीं सुनना चाहते इन शब्दों का प्रयोग किया गया है. जिसकी वजह से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. दिवंगत विधायक लगभग 20 वर्षों से उदयपुर में निवास करते थे, उदयपुर के प्रत्येक व्यक्तियों से उनका मिलना-जुलना, उठना-बैठना रहता था. सभी की समस्याओं का समाधान करते थे. हर सुख दुख में गांव के प्रत्येक व्यक्ति के घर आना जाना लगा रहता था. ग्रामीणों का दिवंगत विधायक व राजा से दिल से लगाव था. दिल से लगाव होने की वजह से ही विभा सिंह के द्वारा दिवंगत विधायक के साथ लड़ाई करना ऑडियो वायरल होना व उनके बच्चों को परेशान किए जाने से आक्रोश व्याप्त है.

हजारों की संख्या में लोगों के आने की संभावना

दिवंगत विधायक की मृत्यु पश्चात अभी तक कलश यात्रा को छोड़कर किसी भी प्रकार का उदयपुर में कोई कार्यक्रम नहीं हुआ है. जब से लोगों को पता चला है कि 30 दिसंबर को उदयपुर पैलेस खुलेगा, तब से लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि सभी लोग उदयपुर जाएंगे वह ताला खुलने पर साक्षी रहेंगे. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि हजारों की संख्या में लोगों की पहुंचने की संभावना है. विभा सिंह के खिलाफ आक्रोश को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती करना भी अनिवार्य लग रहा है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

हमको सिर्फ राजा देवव्रत सिंह के पुत्र राजा आर्यव्रत सिंह व उनकी पुत्री राजकुमारी शताक्षी सिंह से मतलब है विभा सिंह से कोई मतलब नहीं है.

-त्रिवेश जंघेल, ग्रामीण, उदयपुर

जिस तरीके से विभा सिंह के द्वारा बच्चों को परेशान किया जा रहा है. उनको बच्चों को परेशान नहीं करना चाहिए. बच्चों को परेशान करने पर उदयपुर के हर एक व्यक्ति परेशान हो जाते हैं.

-रामकुमार विश्वकर्मा, ग्रामीण, उदयपुर

लगभग 20 वर्षों से राजा देवव्रत सिंह उदयपुर में रहते हुए आ रहे थे. हमको बड़े भाई की तरह मानते थे. उनके जाने के बाद उनके बच्चे हमारे भतीजी व भतीजा है उनको परेशान करने पर ग्रामीण चुप नहीं बैठेंगे.

-दुखित राम साहू, ग्रामीण, उदयपुर

हमारे द्वारा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार का विवाद ना हो. बाकी की कार्रवाई सामान्य प्रशासन के द्वारा किया जाएगा.

-रामेश्वर देशमुख, थाना प्रभारी, छुईखदान



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