आधे से ज्यादा स्कूलों के ताले नहीं खुलेंगे, पालक नहीं हुए सहमत

आधे से ज्यादा स्कूलों के ताले नहीं खुलेंगे, पालक नहीं हुए सहमत
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प्रदेश में सोमवार 2 अगस्त से स्कूल खुल रहे हैं लेकिन रायपुर के 600 निजी स्कूलों के अलावा दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर संभाग में 500 से अधिक प्रायमरी स्कूल अभी नहीं खुलेंगे क्योंकि इन स्कूलों के लिए पंचायत, वार्ड मैैंबर और शाला विकास समिति से सहमति नहीं मिली है। हाई स्कूल केलिए भी आधे समितियों ने ही सहमति दी है। साथ ही कई स्कूलों में सहमति और अनुमति की प्रक्रिया जारी है।

रायपुर/बिलासपुर. प्रदेश में सोमवार 2 अगस्त से स्कूल खुल रहे हैं लेकिन रायपुर के 600 निजी स्कूलों के अलावा दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर संभाग में 500 से अधिक प्रायमरी स्कूल अभी नहीं खुलेंगे क्योंकि इन स्कूलों के लिए पंचायत, वार्ड मैैंबर और शाला विकास समिति से सहमति नहीं मिली है। हाई स्कूल केलिए भी आधे समितियों ने ही सहमति दी है। साथ ही कई स्कूलों में सहमति और अनुमति की प्रक्रिया जारी है।

स्कूलों से कहा गया है कि वे छात्रों के प्रवेश, गणवेश व पुस्तक वितरण को प्रवेशोत्सव के रूप में मनाएंगे। इन दौरान जनप्रतिनिधियों और पालकों को भी बुलाया जाएगा। प्रवेश के समय छात्रों का उचित स्वागत करने कहा गया है। छात्रों को एक दिन के अंतराल पर बुलाया जाना है। इसमें भी छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। सर्दी-बुखार होने पर भी छात्रों को कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी। 6वीं, 7वी, 9वीं तथा 11वीं कक्षाएं अभी ऑफलाइन माेड में संचालित नहीं होंगी, इसलिए इन कक्षाओं के साथ ही स्कूल नहीं आने वाले छात्रों के लिए भी ऑनलाइन कक्षाएं पूर्ववत संचालित होती रहेंगी।

रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जैसे बड़े जिलों में ज्यादातर पालकों ने अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से इनकार कर दिया है, इसलिए इन शहरों में निजी स्कूल नहीं खुल रहे हैं। बड़े शहरों में सिर्फ शासकीय स्कूल ही खुल रहे हैं। इसके उलट छोटे शहरों तथा कस्बों में जहां नेटवर्क सहित अन्य तरह की समस्याएं हैं, वहां 30 फीसदी से अधिक पालकों की अनुमति निजी स्कूलों को मिल गई है। इसलिए छोटे शहरों में कई निजी स्कूल भी आज से खुल जाएंगे। हालांकि सहमति प्रदान करने वाले पालकों की संख्या के आधार पर यह तय है कि पहले की तुलना में कम छात्र स्कूल पहुंचेंगे।

पार्षदों से नहीं ली अनुमति

शासन द्वारा जारी आदेश के मुताबिक स्कूल खोलने के पूर्व पालकों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में पार्षद तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत की अनुमति लेना आवश्यक है। राजधानी में निजी स्कूल फिलहाल नहीं खुल रहे हैं, क्योंकि पालकों ने इसके लिए अनुमति ही नहीं दी है। चूंकि स्कूल नहीं खुल रहे हैं और पालकों ने ही अनुमति नहीं दी है, इसलिए निजी स्कूलों ने अनुशंसा के लिए पार्षदों से संपर्क ही नहीं किया। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता के मुताबिक राजधानी पार्षदों से इस बाबत किसी भी निजी स्कूल द्वारा संपर्क नहीं किया गया है। जब पालक स्कूल खोलने को लेकर अपनी सहमति देंगे, उसके बाद ही वे स्थानीय समितियों की अनुमति की प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे।

गरियाबंद के 140 स्कूल नहीं खुले

गरियाबंद जिले में 140 स्कूल नहीं खुलेंगे। इनमें फिंगेश्वर ब्लॉक के 101 स्कूल है।

अधिकारियों की एक टीम करेगी जांच

स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य कोराेना नियमों का पालन हो रहा है अथवा नहीं, इसकी जांच के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। शिक्षा सचिव कमलप्रीत सिंह ने बीते दिनों हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। हर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी के अलावा शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी भी जांच करेंगे। प्रत्येक को कम से कम 5 स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। 6 हजार स्कूलों के निरीक्षण के लिए 500 अधिकारियों की टीम बनाई गई है। स्कूलों को पहले ही निर्देशित किया जा चुका है कि वे कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बनाए गए गाइडलाइन का नियमत: पालन करें।

समिति ने कहा- दिवाली के बाद स्कूल जाएंगे बच्चे

राजनांदगांव. राजनांदगांव ब्लॉक के ही दो स्कूलों में पालक समिति ने फिलहाल बच्चों को ऑफलाइन पढ़ाई के लिए स्कूल भेजने से इंकार कर दिया है। इन दोनों ही समिति का कहना है कि दिवाली बाद ही स्कूल खोला जाए। जिलेभर में राजनांदगांव ब्लॉक के ही दो स्कूल अब तक ऐसे सामने आए हैं, जहां पालक समिति ने स्कूल खोलने को लेकर अपनी रजामंदी नहीं दी है। इनमें पहली स्कूल बजरंगपुर नवागांव में स्थित है। जबकि दूसरी गंजपारा बालक स्कूल है।

आधा दर्जन गांव ने नहीं दी सहमति

जगदलपुर. बस्तर जिले में लगभग 2164 प्रायमरी, मीडिल, हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित की जा रही है। जिसमें अधिकांश स्कूलों के संचालन की सहमति मिल गई है। जिले के लगभग आधा दर्जन गांव में स्कूल संचालन की सहमति नहीं मिली है। बस्तर जिला के बकावंड ब्लाक के ग्राम पंचायत किंजोली समेत जगदलपुर ब्लाक के लगभग 5 ऐसे गांव शामिल हैं जहां बच्चों को शाला भेजने पर पंचायत प्रतिनिधियों ने इंकार कर दिया।

कोरबा में 111 स्कूल नहीं खुलेंगे

बिलासपुर संभाग में कोरबा में सबसे अधिक 111 स्कूल खोलने की अनुमति अभी नहीं मिली है तो संभाग मुख्यालय बिलासपुर में 14 जांजगीर में 12, गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में 8 स्कूल, मुंगेली में 7 और रायगढ़ जिले में 16 से अधिक स्कूलों में सहमति लेने की प्रक्रिया जारी है। कोरबा जिले में कुल 1485 स्कूल हैं, जिसमें से 1374 स्कूल खुल रहे हैं जबकि 111 स्कूलों को अब तक पंचायत और वार्ड मेंबर की सहमति नहीं मिली है। यहां कुछ मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ ही संक्रमण की आशंका भी जताई जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज के मुताबिक अधिकांश स्कूलों में व्यवस्था बना ली गई है और सोमवार से बच्चों का स्वागत करते हुए स्कूल में पढ़ाई शुरू की जाएगी। श्री भारद्वाज के मुताबिक कुछ और स्कूल हैं, जिनसे सहमति का इंतजार किया जा रहा है।

15 दिन पहले से ही तैयारी शुरू

नवगठित जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के कुल 946 स्कूलों में से 7 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें से पंचायत या वार्ड मैैंबरों की सहमति अभी तक नहीं मिल पाई है। बाकी स्कूलों में पढ़ाई सोमवार से बेहतर तरीके से हो ऐसी कोशिश की जा रही है।

पंचायतों और वार्ड मैंंबर से ले रहे सहमति

रायगढ़ जिले में कुल स्कूलों की संख्या 3141 है। इसमें प्राथमिक, मिडिल के साथ ही हाई और हाई सेकेंडरी स्कूल भी है। 16 स्कूलों को छोड़कर लगभग सभी स्कूल खुलेंगे। खास तौर पर सभी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल खुल रहें। प्राथमिक स्कूलों में कुछ की सहमति आनी अभी बाकी है।

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