समय के साथ बदल रहा कोरोना का स्वरूप, पहले से ज्यादा पॉवरफुल होने की आशंका

रायपुर. प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है और यह दौर पहले की तुलना में अधिक लंबा और गंभीर स्थिति वाला होने की आशंका है। कोरोना ने समय के साथ अपनी प्रकृति और स्वरूप में बदलाव किया है और यह माना जा रहा है कि पहले की तुलना में यह ज्यादा पॉवरफुल हो चुका है। इसके म्यूटेशन को लेकर रिसर्च किया जा रहा है, जिससे यह तय होगा कि इसकी प्रकृति और लक्षण किस तरह के हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश में कोरोना का नया स्ट्रेन नहीं है। दो माह कमजोर रहने के बाद अन्य महामारी के वायरस की तरह कोविड-19 का वायरस अपने स्वरूप में बदलाव कर पॉवरफुल हुआ है और पहले की तुलना में इस बार ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
प्रदेश में पिछले एक पखवाड़े से इस महामारी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू किया है और कोरोना संक्रमण की स्थिति पांच फीसदी तक बढ़ गई है, जिसे हालात बेकाबू हो रहे हैं। विशेषज्ञों को इस बात की आशंका भी है कि इस बार भी वायरस अपना असर अधिक दिनों तक दिखाएगा और इसकी चपेट में आने वालों की संख्या भी पहले की तुलना में अधिक हो जाएगी। विशेषज्ञ इस बात को स्वीकारते हैं कि कोरोना की रफ्तार इस बार काफी तेज है और इसकी पुष्टि के लिए इस वायरस का अध्ययन प्रारंभ किया गया है। एम्स के विशेषज्ञ सामने आने वाले केस के आधार पर यह पता लगाने का प्रयास कर रहे कि अपने स्वरूप में कितना बदलाव किया है।
गंभीर होने पर जांच
कोरोना का पहला दौर देख चुके लोग दूसरी लहर की शुरुआत के दौरान इसे हल्के में ले रहे हैं। सामान्य शिकायत मानकर जांच में कोताही बरती जा रही है, जिसकी वजह से गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में एम्स और आंबेडकर अस्पताल के आईसीयू बेड लगभग फुल हो चुके हैं।
एम्स में सुविधा मौजूद
पहले किसी भी वायरस की प्रकृति का पता लगाने के लिए सैंपल पुणे भेजे जाते थे, मगर अब एम्स में यह सुविधा प्रारंभ की जा चुकी है। यहां स्थापित नेक्स्ट जनरेशन सीक्वेसिंग मशीन की मदद इसकी जांच की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक कोरोना के नए तेवर का पता लगाने के लिए एम्स के विशेषज्ञ भी इसी मशीन का उपयोग कर रहे हैं।
स्टडी के बाद होगा स्पष्ट
कोई भी वायरस एक से दूसरे शरीर में जाने के दौरान अपना स्वरूप बदलता है। निश्चित तौर पर कोरोना संक्रमण में काफी तेजी आई है। इसके स्वरूप में क्या बदलाव हुआ, इस पर स्टडी के बाद तथ्यों के आधार पर कुछ बोला जा सकता है।
- डा. नितिन एम. नागरकर, डायरेक्टर, एम्स
कोरोना को हल्के में ले रहे
गंभीर मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही, इसकी एक वजह कोरोना को हल्के में लेना है। इस बार संक्रमण का दौर ज्यादा लंबा हो सकता है। लोग जांच में देर कर रहे हैं, इसलिए सीरियस मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
- डा. आरके पंडा, विशेषज्ञ, आंबेडकर अस्पताल
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